आर्थिक मामलों में खुद से करो 2019 में 10 वादे

नई दिल्ली। नव वर्ष दस्तक देने लगा है। इस वर्ष के समाप्त होने के साथ हम नए वर्ष की तैयारी में लग गए हैं। हम खुद से कई वादे करेंगे मसलन लाइफस्टाइल में सेहत पर ज़्यादा ध्यान देना, आर्थिक मामलों में अनुशासन और आर्थिक रूप से सेहतमंद रहने के लिए सही निवेश करना। दरअसल हम हर वर्ष खुद से कई वादे करते हैं पर अधिकांश लोग इन्हें निभाने में नाकाम रहते हैं।

आज हमें यह समझना होगा कि सेहतमंद और सुखी रहना है तो निजी अर्थव्यवस्था का सही नियोजन अनिवार्य है। इसके लिए आपको आर्थिक मामलों में कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे जो आपको अपने आर्थिक लक्ष्यों के पास ले जाएंगे। यह रिटायरमेंट के बाद सुखी जीवन के लिए या घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट देने के लिए बचत या फिर आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए बचत करना हो सकता है।

नव वर्ष के अवसर पर सुश्री अंजलि मल्होत्रा, चीफ कस्टमर, मार्केटिंग एवं डिजिटल ऑफिसर, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस के 10 सुझाव, जिन पर अमल कर आप आर्थिक रूप से खुशहाल रहेंगे :

1. अपने आर्थिक मामलों पर पुनर्विचार करें और निजी लक्ष्य निर्धारित करें

अपनी संपत्तियों (आमदनियों) और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा करें। आर्थिक मामलों की समीक्षा करें। यह जानने की कोशिश करें कि पैसा कैसे काम करता है। उदाहरण के लिए यदि आप क्रेडिट कार्ड का खर्च कम कर देते हैं तो आपकी देनदारी कम हो जाएगी; अनावश्यक खरीदारी (जो लोग आवेग में कर लेते हैं) नहीं करने का अर्थ ज़्यादा बचत होना है। यह सोचना जरूरी है कि आप किन उद्देश्यों से बचत करना चाहेंगे (बच्चों की शिक्षा, नया घर, कार, ड्रीम हॉलिडे, आदि) और यह भी विचार करें कि कितने समय तक बचत करने से आपके ऐसे लक्ष्य पूरे हो जाएंगे।

2. बजट बनाने की आदत डालें

नया वर्ष 2019 मानो आ ही गया और आगामी वर्ष के लिए बजट बनाने का इससे बेहतर समय नहीं मिलेगा। पर आम तौर पर होता यह है कि आपका बजट तो बिल्कुल तैयार होता है पर आप इसके हिसाब से चलने में चूक कर देते हैं। बजट के हिसाब से चलेंगे तो न केवल आपके सभी खर्चों को पूरा करने का भरोसा रहेगा बल्कि आपके आर्थिक लक्ष्य भी पूरे हो जाएंगे। ध्यान रखें, यदि किसी चीज़ की इच्छा से आपका मन मचल जाता है तो आप कर्ज में पड़ सकते हैं और आमद में भी रुकावट आ सकती है। इसलिए अपने बैंक पासबुक को अपडेट करते रहें। अपने क्रेडिट स्कोर की जानकारी भी रखें ताकि पता चले कि आर्थिक दृष्टिकोण से आप कितने पानी में हैं। इस स्थिति में निरंतर सुधार का प्रयास करें। अपने बजट को भी नियमित रूप से अपडेट करें।

3. परिवार से सलाह-मशविरे के बाद ही आर्थिक मामलों में कोई निर्णय लें

बच्चों को भी बचत के लाभ बताएं और फिजूलखर्ची से बचने की सलाह दें। उन्हें आर्थिक मामलों की बुनियादी बातें बता कर आप परिवार के आर्थिक लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर पाएंगे। घर का बजट आपस में मिल कर बनाएं ताकि सभी बचत और खर्च करने में भागीदारी करें और जिम्मेदारी बराबर बंट जाए।

4. सेहत के नाम पर बचत की शुरुआत करें

अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य योजना बनाने में तत्परता दिखाएं। संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा जैसे अवीवा हेल्थ सिक्योर में निवेश इसका अच्छा उदाहरण है क्योंकि आप जानते हैं कि इलाज कितना महंगा हो रहा है और कैसे चिकित्सा बीमा, खास कर मेडिकल इमरजेंसी में आपकी मदद करता है। इलाज के भारी खर्च से परिवार को आर्थिक संकट में जाने से बचाने के लिए बीमा में निवेश एक शानदार बचत है।

5. बच्चों के भविष्य की योजना बनाएं

अवीवा ने पूरे देश में किए एक सर्वे के माध्यम से जाना कि अधिकांश भारतीय माता-पिता के लिए उनके बच्चे की शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हालांकि इसके लिए सही योजना का अभाव अधिकांश माता-पिता में देखा गया है। इसलिए बच्चों की उच्च शिक्षा पर खर्च करते हुए वे कर्ज में डूब जाते हैं। हालांकि आज अवीवा किड-ओ-स्कोप जैसी विशेष सेवाओं का लाभ लेकर वे न केवल अपने बच्चे के अंदर छिपी प्रतिभा समझ जाएंगे बल्कि शिक्षा के कॉस्ट कैलकुलेटर की मदद से यह भी जान पाएंगे कि बच्चों के सपने पूरे करने में कितना खर्च होगा। इसके बाद उन्हें निवेश के सही रास्ते बताए जाएंगे ताकि जरूरत आने पर फंड तैयार रहे।

6. आपके अपनों का भविष्य सुरक्षित कर दें

जीवन बीमा का आपके आर्थिक नियोजन में बुनियादी महत्व है। इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि आपके पास पर्याप्त बीमा हो और आपके परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित हो। यह सोच कर योजना बनाएं कि जिसकी आमदनी से परिवार चलता है उसके गुजरने के बावजूद परिवार का वही जीवन स्तर बरकरार रखने के लिए कितनी रकम चाहिए। इसका एक अच्छा विकल्प अवीवा आई-टर्म स्मार्ट है जो सब के बजट में है और बीमित के साथ-साथ उसके परिवार’ को संपूर्ण सुरक्षा देता है।

7. देनदारियां नहीं रहने दें

आर्थिक नियोजन के रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट ऋण है। इसलिए बिलों का समय से भुगतान करें और सभी देनदारियां दूर कर लें। क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर बहुत ज्यादा ब्याज लगता है इसलिए याद से इसका समय पर भुगतान करें। आपकी यह कोशिश हो कि लेनदारों को नकद भुगतान करना है और इस तरह ब्याज की रकम बचा लेना है।

8. निवेश से पहले बचत की आदत डालें

किसी निवेश से पहले बचत करने की आदत डालें। अनावश्यक खर्चे कम कर दें। इस उद्देश्य से आप चाहे तो अलग बचत खाता खोल सकते हैं और यह आपका पिगी बैंक (गुल्लक) हो सकता है। हालांकि इसका एक बेहतर विकल्प अवीवा वेल्थ बिल्डर है जो परिपक्वता पर प्रीमियम का दूना लाभ देता है क्योंकि पैसे की बचत पैसे की आमदनी’ है।

9. रिटायरमेंट के लिए बचत की आदत डालें

उम्र का 20 वर्ष वाला दशक समाप्त होने से पहले ही रिटायरमेंट के लिए बचत शुरू कर दें। हालांकि यदि ऐसा नहीं कर पाएं हैं तो नव वर्ष 2019 की इसी से शुरुआत करें। रिटायरमेंट के लिए बचत करने से एक उम्र के बाद जब आप काम नहीं कर पाते हैं आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत बनी रहती है। इसलिए रिटायरमेंट प्लान जैसे पब्लिक प्रोविडेंड फंड, एन्युइटी प्लान, नेशनल पेंशन स्कीम या फिर बीमा पॉलिसियों जैसे कि अवीवा नेक्स्ट इनिंग्स में निवेश करें जो पॉलिसी’ की परिपक्वता पर अच्छी रकम मिलने की गारंटी होती है।

10. इमरजेंसी फड बना लें

कुछ रकम अपने बचत खाते या नकद खाते में अलग से रखें जो आपका आकस्मिक कोष (कंटिंजेंसी रिज़र्व) होगा और यह कोष आकस्मिक समस्या में काम आएगा जैसे नौकरी छूट जाना, आपातकालीन इलाज आदि जिससे लोगों की निजी अर्थव्यवस्था आसानी से हिल जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप कम से कम 6-24 महीनों के सामान्य नियमित खर्चों के लिए पैसे अलग से सुरक्षित रख लें। इसमें ईएमआई भी शामिल हो। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी इस रकम से आपके ज़रूरी खर्चे पूरे हो जाएंगे।

 

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