डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (एएसजीई) से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्‍टर

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक , एआईजी हॉस्पिटल्‍स, ने घोषणा की है कि इसके चेयरमैन डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी ने द अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (एएसजीई) से प्रसिद्ध रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्राप्‍त किया है। एएसजीई दरअसल जीआई एंडोस्कोपी की दुनिया में शीर्ष निकायों में से एक है। एक वर्चुअल समारोह में एएसजीई के वार्षिक क्रिस्टल अवार्ड्स में डॉ. रेड्डी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। रुडोल्फ वी. शिंडलर अवार्ड दरअसल प्रतिष्ठित क्रिस्टल अवार्ड्स में सर्वोच्च श्रेणी है, जिसका नाम डॉ. शिंडलर के नाम पर रखा गया है और जिन्हें ‘गैस्ट्रोस्कोपी का जनक’ माना जाता है। डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में अपने उत्‍कृष्‍ट कार्यों के लिए एएसजीई से यह उल्‍लेखनीय मान्यता प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्‍टर बन गए हैं।

डॉ. क्लाउस मर्जनर, प्रेसिडेंट, एएसजीई ने डॉ. रेड्डी को रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, ‘‘एएसजीई का सर्वोच्च सम्मान उस सदस्य को दिया जाता है, जिन्‍होंने एंडोस्कोपिक अनुसंधान, शिक्षण में कई उपलब्धियां हासिल कर रखी हैं, और जीआई एंडोस्कोपी के क्षेत्र में जिनकी सेवा सही मायनों में डॉ. शिंडलर के मानकों और परंपराओं की एक उत्‍कृष्‍ट मिसाल है।’’ डॉ मर्जनर ने यह भी कहा, ‘‘डॉ. रेड्डी भारत में एंडोस्कोपी को बढ़ावा देने वाले पहले विशेषज्ञों में से एक हैं और उन्होंने दुनिया भर में अनगिनत एंडोस्कोपिस्टों को शिक्षित करने के उल्‍लेखनीय दायित्‍व की अगुवाई की है। ’’

इस अवसर पर डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, चेयरमैन, एआईजी हॉस्पिटल्स ने कहा, ‘‘एएसजीई के एक अंतर्राष्ट्रीय सदस्य के रूप में एएसजीई के रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए अत्‍यंत विनम्र बात है। यह दुनिया भर, यहां तक कि विकासशील देशों के सभी एंडोस्कोपिस्टों के लिए भी एक उत्‍कृष्‍ट प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से किए जाने वाले कार्यों को इस सोसायटी द्वारा अवश्‍य ही सराहा जाता है, चाहे वे कहीं भी अपनी सेवाएं दे रहे हों। यह सम्मान प्राप्‍त करने के साथ ही मैं बेहतरीन एंडोस्कोपी की शिक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए स्‍वयं को फिर से समर्पित करता हूं। एंडोस्कोपी के क्षेत्र में मेरा योगदान एवं मेरी कामयाबी दरअसल मेरी पत्नी कैरोल और मेरे परिवार से मिले व्‍यापक सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाती। मैं बेहतरीन एवं किफायती स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एंडोस्कोपी में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के अपने विजन को साझा करने एवं आवश्‍यक सहयोग प्रदान करने के लिए एआईजी हॉस्पिटल्स, भारत में कार्यरत अपने सहयोगियों और कर्मचारियों का गहरा आभार व्यक्त करता हूं।’’

इस पुरस्कार से नवाजे जाने से पहले डॉ. रेड्डी ने एक और विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। दरअसल, डॉ. रेड्डी को हाल ही में प्रतिष्ठित अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (एएएएस) के अनेक नवनिर्वाचित फेलो की सूची में शामिल किया गया है। डॉ. रेड्डी पिछले 100 वर्षों में एएएएस की फेलोशिप प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्‍टर हैं। एएएएस की स्थापना वर्ष 1848 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के उद्भव के रूप में की गई थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा बहु-विषयक वैज्ञानिक सोसाइटी है और अपनी अनेक विज्ञान पत्रिकाओं के माध्यम से अत्याधुनिक शोध का एक प्रमुख प्रकाशक है। एएएएस ने डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी को आधिकारिक प्रमाण पत्र के साथ सुनहरे एवं नीले रंगों वाले प्रतिष्ठित रोसेट पिन प्रस्तुत किए, जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रतीक हैं। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, विशेषकर चिकित्सीय पैनक्रिएटिक बिलीएरी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में हुई प्रगति में अग्रणी कार्य करने एवं ट्रांसगैस्ट्रिक एंडोस्कोपिक सर्जरी में नवाचार करने; और अंतरराष्ट्रीय गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सोसायटी को उल्‍लेखनीय सेवाएं देने के लिए डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी का चयन चिकित्सा विज्ञान की श्रेणी के तहत किया गया था। यह उपाधि दरअसल अग्रणी अनुसंधान, किसी दिए गए क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने, शिक्षण एवं मार्गदर्शन, सहयोग को बढ़ावा देने और लोगों की विज्ञान संबंधी समझ को आगे बढ़ाने सहित एसटीईएम विषयों में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देती है।

 

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