डॉ. उदित राज ने सीलिंग पर उपराज्यपाल से की मुलाकात

 

नई दिल्ली। उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सांसद डॉ. उदित राज ने सीलिंग, तोड़फोड़, किसानों की समस्याएं एवम अन्य लंबित परियोजनाओं को अबिलम्ब शुरू करने हेतु दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से विभिन्न मुद्दों पर मुलाकात की जिसमें मुख्य रूप से 30 मई को मंगोलपुरी में 360 गाँव की महापंचायत में प्रदेश अध्यक्ष और डॉ. उदित राज को आमंत्रित करके सीलिंग के संबंधिंत समस्याओं से अवगत कराया। गाँव वालों की पीड़ा है कि लाल डोरा 1908 में बसावट के लिए चिन्हित किया गया था। उसके बाद कई गुना आबादी बढ़ गयी है। साल 1952 में भी लालडोरा को बढाया गया फिर भी बढती हुई आबादी के बोझ को ही नही बर्दाश्त किया जा सकता है। वहां के निवासी जीवन यापन के लिए छोटे-छोटे काम धंधे शुरू किये लेकिन अब सीलिंग की वजह से बड़े संकट के दौर से गुजर रहे हैं उनकी मांग है कि जिन गाँवों में 70% तक कलकारखाने लग गए है उनको गैर आवासीय घोषित किया जाए। लाल डोरा बढाने की भी मांग की गयी है। प्रतिनिधि मंडल सांसद के अतिरिक्त 300 गाँव के प्रधान रामकरण, बिजेंदर पहलवान एवं पूर्व विधायक एवं दिल्ली बाहरी जिला के जिलाध्यक्ष मनोज शौकीन भी थे ।
वातार्लाप के दौरान अनिल बैजल ने डॉ. उदित राज को अवगत कराया कि भले ही 2012 में दिल्ली विधानसभा ने प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को भेजा हो कि 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत जमीन धारकों को भूमिधारी का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन उस समय के एलजी नजीब जंग विधानसभा के प्रस्ताव से सहमत नही हुए और प्रतिकूल टिपण्णी दी। फिर से दिल्ली विधानसभा के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है उनसे आग्रह किया गया कि इनको भूमिधारी का अधिकार दिया जाए। मंगोलपुर कलां गाँव में 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत भूमिहीनों को जमीनें मिली थी लेकिन उसे डीडीए ने अधिग्रहित कर लिया था े जितनी जमीन उपयुक्त हुई थी उसके अतिरिक्त 1983 में एलजी आॅफिस में सूचना जारी हुई थी कि शेष जमीन को उनको वापिस दे दिया जाये ताकि इसको सरकारी न माना जाये। अभी तक ऐसा न हो सका इसलिए अबी सीलिंग का शिकार ये भी हो रहे हैं।
डॉ. उदित राज के संसदीय क्षेत्र के बवाना विधानसभा में एक मात्र लड़कियों के लिए अदिति कॉलेज है जहाँ उचित बिल्डिंग न होने की वजह से अच्छी पढाई हो पा रही है। समस्त ग्रामीणवासियों की सभा में प्रस्ताव पास किया गया है कि कॉलेज के सामने जमीन में कॉलेज का ईमारत बनाया जाये। बेगमपुर गाँव और कॉलोनी के अन्दर कब्रिस्तान भूमि को 81 में डीडीए के द्वारा कर लिया गया था जिसपर एलजी साहब ने आश्वासन दिया कि जल्द ही आसपास की जगह आवंटित की जाएगी।

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