नई दिल्ली। प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर में जबरदस्त कमी पर यूनिसेफ की भारत में राष्ट्रीय प्रतिनिधि यास्मीन अली हक ने देश की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत ने इसमें शानदार सफलता पाई है। अब 2013 की तुलना में हर प्रसव सम्बंधित जटिलताओं के कारण लगभग 1000 कम माओं की मृत्यु होती है।
उन्होंने आगे कहा कि यह देख कर और भी खुशी होती है कि उत्तर प्रदेश जहाँ देश में सबसे ज्यादा प्रसव घरों में होते हैं, अब वहां माओं की मृत्यु दर में 30 प्रतिशत की कमी आई है। देश में मातृ मृत्यु दर में राष्ट्रीय औसत 22 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश में यह कमी और भी ज्यादा है। लेकिन प्रसव के दौरान एक भी माँ की मृत्यु अपने आप में बहुत ज्यादा है और यह हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है कि माओं और नवजात शिशुओं की इस तरह से होने वाली मृत्यु को रोका जाए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर गर्भवती माँ का प्रसव कुशल हाथों में हो जहां उसे आदर तथा सम्मान मिले। यह महत्वपूर्ण होगा की हर माँ को इसी तरह समय पर बेहतरीन सुविधा प्रसव के दौरान और उसके पहले भी मिले, खासकर उन्हें जो देश के सुदूर हिस्से में रहते हैं या निर्धन हैं। वक्त आ गया है कि इस पर हम सभी को मिल कर कार्य करना चाहिए।