कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए डीटीसी ने उठाया कदम

नई दिल्ली। दिल्ली कई प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं और सड़क यातायात दुर्घटनाओं (आरटीए) से ग्रस्त है, जो व्यस्क जनसंख्या में चोट और मौत का एक प्रमुख कारण बन गया है। इसे रोकने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने नई पहल शुरू की है। दिल्ली में पिछले छह सालों में 10,000 लोग मरे हैं, यह संख्या मुंबई की तुलना में तीन गुना अधिक है। विशेषज्ञों के मुताबिक, खराब सड़क डिजाइन से लेकर यातायात नियमों के पालन में कमी जैसे कई कारकों की वजह से राजधानी शीर्ष स्थान पर है। एक अनुमान के मुताबिक अगले 20 सालों में आरटीए के कारण मौत का आंकड़ा 66 प्रतिशत बढ़ जाएगा और अगले कुछ वर्षों में यह मौत का तीसरा प्रमुख कारण होगा, जो वर्तमान में 8वें स्थान पर है। वर्कशॉप के प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑडियो-विजुअल प्रजेंटेशन के साथ व्याख्यान सहित प्रदर्शन शामिल है, जो इसे आसानी से समझने योग्य बनाता है और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसका आयोजन प्रशिक्षित और अंतरराष्ट्रीय योग्यता प्राप्त पेशेवरों द्वारा किया गया। बस ड्राइवर्स, कंडक्टर्स और ग्राउंड स्टाफ सहित 25,000 डीटीसी कर्मचारियों को सुरक्षा तैयारी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

गौर करने योग्य यह है कि भारत में हर साल 4 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है और 5 लाख व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होते हैं। राजधानी दिल्ली की स्थिति भी भयावह है। इस स्थितियों में सुधार लाने के लिए अंजलि क्वात्रा सेफ्टी ट्रेनिंग्स (फिलेनथ्रोप), जो आपदा जोखिम और सुरक्षा के लिए एक केंद्र है, ने 25,000 डीटीसी कर्मचारियों के लिए आपदा तैयारी और संकट प्रबंधन प्रशिक्षण की एक श्रृंखला का आयोजन करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के साझेदारी की है। मंगलवार को उद्घाटन प्रशिक्षण दिल्ली परिवहन निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, दिल्ली परिवहन निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक वी के गुप्ता, सेंटर डिसेस्टर रिस्क एंड सेफ्टी की डायरेक्टर जनरल और ‘फिलेनथ्रोप’ की संस्थापक डा. अंजलि क्वात्रा की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर डीटीसी और फिलेनथ्रोप टीम को बधाई देते हुए डीटीसी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण को आयोजित करने का केंद्रीय विचार एकीकृत ज्ञान के लिए क्षमता निर्माण और स्थानीय एवं राष्ट्रीय दोनों स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण, मूल्याकंन और प्रबंधन करना है। इस प्रशिक्षण से जीवन की हानि में कमी आएगी, तत्काल प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने में वृद्धि होगी और आपदा में प्रतिक्रिया की बेहतर दर विकसित होगी। एक प्रभावी आपदा संचार नेटवर्क का विकास तेजी से जानकारी प्रदान करेगा और जमीनी स्थिति पर निर्णय लेने में मदद करेगा। हम आपदा को नहीं रोक सकते लेकिन प्रभावी आपदा तैयारी के जरिये कई लोगों के जीवन को बचाने के लिए हम जानकारी के साथ अपने आप को तैयार कर सकते हैं।
प्रशिक्षण का उद्देश्य आपदाओं और दुर्घटनाओं के प्रति डीटीसी की प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना और खतरों एवं असुरक्षा को कम करना है, जिससे दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले लोगों के बीच मौत और चोट में कमी लाई जा सकेगी। वर्तमान में अधिकांश बस ड्राइवर्स और कंडक्टर्स आपदाओं के जोखिम और आपातकाल का सामना करने से अनजान हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, खराब सड़क डिजाइन से लेकर यातायात नियमों के पालन में कमी जैसे कई कारकों की वजह से राजधानी शीर्ष स्थान पर है। एक अनुमान के मुताबिक अगले 20 सालों में आरटीए के कारण मौत का आंकड़ा 66 प्रतिशत बढ़ जाएगा और अगले कुछ वर्षों में यह मौत का तीसरा प्रमुख कारण होगा, जो वर्तमान में 8वें स्थान पर है। वर्कशॉप के प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑडियो-विजुअल प्रजेंटेशन के साथ व्याख्यान सहित प्रदर्शन शामिल है, जो इसे आसानी से समझने योग्य बनाता है और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसका आयोजन प्रशिक्षित और अंतरराष्ट्रीय योग्यता प्राप्त पेशेवरों द्वारा किया गया। बस ड्राइवर्स, कंडक्टर्स और ग्राउंड स्टाफ सहित 25,000 डीटीसी कर्मचारियों को सुरक्षा तैयारी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

सेंटर फॉर डिसेस्टर रिस्क एंड सेफ्टी की डायरेक्टर जनरल डा. अंजलि क्वात्रा ने चारों ओर की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा किएक आपदा के समय प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार होने पर पीड़ित के बचने की दर में सुधार होता है। इस तरह का प्रशिक्षण डीटीसी ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की आपदा प्रबंधन और प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें उन लाखों यात्रियों की मदद करने में सक्षम बनाता है जो रोज डीटीसी बसों में सफर करते हैं। चूंकि यह ड्राइवर्स और कंडक्टर्स बहुत अधिक समय सड़क पर बिताते हैं, इसलिए वे अपनी यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना या आपदा के समय सबसे पहली प्रतिक्रिया देने वाले हो सकते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें यात्रियों का भरोसा और विश्वास जीतने में मदद करेगा। यह जानना महत्वपूर्ण है कि दुर्घटना से सीख लेने की तुलना में शिक्षा के जरिये तैयार रहना कम महंगा है। उन्होंने कहा कि हमनें डीटीसी बस ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के लिए कोर्स मॉड्यूल तैयार किया है और उन्हें तमाम जीवन रक्षक कौशल का मुफ्त प्रशिक्षण दिया है और हम सभी से आग्रह करेंगे कि वह स्वयं की रक्षा और अपने परिवार के सदस्यों एवं साथियों की सुरक्षा के लिए इन कौशल को सीखें।

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