लोकतंत्र का गला घोटता ईवीएम घोटाला

 

चुनाव के बाद विभिन्न खबरिया चैनलों के साथ सर्वे एजेंसियों ने जो एग्जिट पोल किया है उसमे दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। अगर इस सर्वे पोल को सही मान लिया जाय साफ़ हो जाता है कि गुजरात में पीएम मोदी आज भी सबसे ताकतवर नेता हैं और उनकी छवि पाए गुजराती समाज मर मिटने को आतुर -व्याकुल है। लेकिन अगर ऐसा है तो फिर पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल की सभाओं में जुटने वाली भीड़ फिर क्या थी ? क्या माना जाय भीड़ हार्दिक पटेल के साथ थी और वही भीड़ मोदी को वोट डाल रही थी ?

अखिलेश अखिल

कल गुजरात चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे। गुजरात के साथ हिमाचल के परिणाम भी सामने आएंगे। चुनाव के बाद विभिन्न खबरिया चैनलों के साथ सर्वे एजेंसियों ने जो एग्जिट पोल किया है उसमे दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। अगर इस सर्वे पोल को सही मान लिया जाय साफ़ हो जाता है कि गुजरात में पीएम मोदी आज भी सबसे ताकतवर नेता हैं और उनकी छवि पाए गुजराती समाज मर मिटने को आतुर -व्याकुल है। लेकिन अगर ऐसा है तो फिर पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल की सभाओं में जुटने वाली भीड़ फिर क्या थी ? क्या माना जाय भीड़ हार्दिक पटेल के साथ थी और वही भीड़ मोदी को वोट डाल रही थी ? अभी तक की राजनीति में कम से कम ऐसा नहीं देखा गया। और अगर ऐसा हुआ है तो यह भी भारतीय राजनीति का एक अलग मिजाज होगा जिस पर अध्ययन ,शोध करने की जरूरत होगी। फिर जिग्नेश और अल्पेश की राजनीति कहाँ गयी ? फिर गुजराती समाज का जीएसटी और नोटबंदी का विरोध कहाँ गया ? क्या मान लिया जाय कि गुजरात में सब कुछ ठीक चल रहा था और बीजेपी की सरकार के प्रति वहाँ कोई अंडर करेंट नहीं था ? सवाल बहुतेरे हो सकते हैं।
लेकिन अभी जो खबर आ रही है वह चौका रही है। आप नेता संजय सिंह ने जो खुलासा किया है अगर उसमे सच्चाई है तो फिर लोकतंत्र का क्या मतलब ? गुजरात चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम के बारे में बहुत ही सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है। यह जानकारी गुजरात में 20 हजार करोड़ के गैस घोटाले, चिप बनाने की कंपनी और मुख्य चुनाव आयुक्त के बारे में है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने ईवीएम मशीन के गैस कनेक्शन, मुख्य चुनाव आयुक्त और ईवीएम की चिप को लेकर एक वीडियो जारी किया है और तीनो के सम्बन्ध को कनेक्ट किया है। संजय सिंह ने साफ़ किया है कि गुजरात में बड़े पैमाने पर ईवीएम का खेल किया गया है और यह एक बड़ा घोटाला है। विडिओ के जरिये संजय सिंह ने कहा, अगर ईवीएम घोटाले से सरकार बनती रही तो फिर प्रचार और चुनाव का क्या मतलब रह जाएगा? ऐसे में पार्टियाँ कैसे चुनाव लड़ सकती हैं? अगर ‘ईवीएम की एक पार्टी से सेटिंग है तो लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं, फिर चुनाव दिखावा मात्र है, ईवीएम के ज़रिए लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।’
खबर के मुताविक गुजरात सरकार की संस्था ‘गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन’ गैस का ठेका देती है। इस कंपनी ने ‘जिओ ग्लोबल रिसोर्सेज’ नाम की कंपनी को गैस ठेका दे दिया। जबकि ‘जिओ ग्लोबल’ को गैस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है। संजय सिंह ने बताया कि जीओ ग्लोबल रिसोर्सेज के बारे में कैग की रिपोर्ट (2016) के अनुसार, कैग ने पाया कि जीओ ग्लोबल रिसोर्सेज ने 20000 करोड़ रुपये का घोटाला किया। गौरतलब है कि, जीओ ग्लोबल रिसोर्सेज ‘की क्रॉप’ नाम की संस्था की सब्सीड्री कंपनी है। ‘की कॉर्प’ कंपनी की मालिक अमेरिका की कंपनी ‘माइक्रोचिप’ है।
आपको यहाँ बता दें कि ‘माइक्रोचिप’ कंपनी ही ईवीएम मशीन के लिए ‘चिप’ बनाती है। जीओ ग्लोबल रिसोर्सेज और माइक्रोचिप दोनों कंपनियों की मालिक ‘की कॉर्प’ है। यानि ईवीएम का घोटाला सीधे गैस के घोटाले से जुड़ा हुआ है।
आम आदमी पार्टी नेता ने कहा, “मोदी राज में जो कंपनी ‘ईवीएम चिप’ बनाती है वो गैस घोटाले के ज़रिए भ्रष्टाचार करती है। उन्होंने कहा ‘ईवीएम चिप’ के ज़रिए कोई भी खेल हो सकता है। ऐसे में आप चुनाव लड़ते रहिए, प्रचार करते रहिए लेकिन सरकार भाजपा ही बनाएगी!” उन्होंने कहा, गुजरात में हार्दिक पटेल और विपक्षी पार्टियों की सभाओं में भारी भीड़ जुट रही थी, लोगों में इतना गुस्सा था कि उन्होंने भाजपा मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को प्रचार तक नहीं करने दिया। लेकिन चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी को 135 सीटें दी जा रही हैं। ऐसे में पूरा देश आश्चर्यचकित है कि उनका वोट आखिर जा कहाँ रहा है?
आप नेता ने आरोप लगाया कि लोग वोट दे रहे हैं तो क्यों सभी वोट भारतीय जनता पार्टी को जा रहे हैं? इसका मतलब सबकुछ सेटिंग के ज़रिए सेट और तय किया जा चुका है, और जब चुनाव रिजल्ट आयेगा तो भाजपा कहेगी कि हम तो पहले से ही कह रहे थे कि भाजपा जीत रही है! लेकिन लोगों को यह सोचना और जानना ज़रूरी है की आज जो ‘ईवीएम का घोटाला हो रहा है दरअसल इसका रिश्ता गैस घोटाले से है।
संजय सिंह ने खुलासा किया कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति ‘गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन’ के चेयरमैन थे। जिसके साथ जिओ ग्लोबल ने मिलकर 20000 करोड़ का घोटाला किया। ए के ज्योति गुजरात सरकार के मुख्य सचिव रहे चुके हैं। ए के ज्योति के पीएम मोदी के रिश्ते से साफ़ समझा जा सकता है उन्होंने मोदी का मुख्य सचिव, गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन’ के चेयरमैन रहते फायदा पहुँचाया। संजय सिंह ने इसे 20000 करोड़ का घोटाले को गैस का घोटाला, ईवीएम का घोटाले के साथ लोकतंत्र का घोटाला बताया। और ये लोकतंत्र की हत्या करने की सोची समझी साजिश है। इसके लिए जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
यहाँ यह बताने की जरूरत है कि सबसे पहले कैग की रिपोर्ट पर जांच कराने की जरूरत है। अगर कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की बात है तो उसपर जांच क्यों नहीं हो रही ? दूसरी बात अगर भ्रष्टाचार करने वाली कंपनी ही अगर ईवीएम के लिए माइक्रो चिप बनाती है तो यह ऐसा हो भी सकता है कि वह भ्रष्टाचार के बदले बीजेपी को उपकृत कर रही हो। इसकी भी जांच होनी चाहिए। फिर चुनाव आयोग के प्रमुख ए के ज्योति अगर गैस कॉर्पोरेशन और राज्य के मुख्य सचिव की भूमिका निभा चुके हैं तो जाहिर है कि शक की सुई उनके साथ भी जुड़ती है। जाहिर है यह एक बड़ा खुलासा है और इसकी जांच की जानी चाहिए ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे और चुनाव आयोग भी निष्पक्ष दिखे।

(लेखक राजनीतिक मामलों के जानकार हैं। )

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