एक्ज़िम बाज़ार : हस्तशिल्प की एक अनूठी प्रदर्शनी

नई दिल्ली/ मुंबई। भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) भारत की परंपरागत कला और शिल्प को सहेजने और शिल्पकारों को नियमित आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के दोहरे उद्देश्य से देशभर के ग्रासरूट उद्यमों और शिल्पकारों को उत्पाद एवं डिजाइन विकास तथा पैकेजिंग के लिए सहयोग प्रदान करता रहा है। बैंक ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के जरिए नई पीढ़ी के शिल्पकारों को अपनी परंपरागत शिल्प कलाओं को सीखने और व्यवसाय का मॉडल खड़ा करने के लिए प्रेरित करते हुए विभिन्न शिल्प कलाओं को भारत तथा विदेशों के अनेक बाजारों में स्थापित करने में उनका सहयोग किया है।

अपने इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक्ज़िम बैंक अब ‘एक्ज़िम बाज़ार’ का आयोजन कर रहा है, जो देशभर की परंपरागत एवं आधुनिक हस्तनिर्मित शिल्प कलाओं तथा टेक्सटाइल्स की प्रदर्शनी और बिक्री का अनूठा संगम है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 28 से 30 सितंबर, 2018 (शुक्रवार से रविवार) तक सुबह 10.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक मुंबई के वर्ली स्थित नेहरू सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में हाथ से बुने पश्मीना शॉल से लेकर क्रिस्टल ज्वेलरी, मधुबनी पेंटिंग, पैठणी साड़ियां, ब्लॉक प्रिंटेड गारमेंट और घर की साज-सज्जा के सामान, पंजाबी मोजरी, बीदरीवेयर, टेराकोटा, वार्ली, मीनाकारी, चंदेरी तक बहुत कुछ एक ही जगह पर मिलेगा। एक्ज़िम बाज़ार में 60 से ज्यादा शिल्पकार अपने हाथ का हुनर लेकर आ रहे हैं।

एक्ज़िम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रस्कीना ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से भारत के परंपरागत कला और शिल्प को जरूरी पहचान दिलाने और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह आयोजन शिल्पकारों को अनूठी शिल्प वस्तुएं बनाते रहने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने का भी एक प्रयास है। हस्तनिर्मित उत्पादों की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रही है और एक्ज़िम बैंक इस अवसर को समझते हुए भारत के हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने के लिए प्रयासरत है।

श्री उत्पल गोखले, महाप्रबंधक, एक्ज़िम बैंक ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि बैंक अपनी मार्केटिंग सलाहकारी सेवाओं के जरिए भारतीय ग्रासरूट उद्यमों के उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग में शुरुआती सहयोग प्रदान करता है। बैंक कई ग्रासरूट शिल्पकारों को नवीनतम डिजाइनों / पैकेजिंग तकनीकों पर सहयोग और प्रशिक्षण प्रदान करता रहा है। इससे उन्हें भारतीय कलाओं को प्रदर्शित करते हुए नई-नई उपयोगी वस्तुएं बनाने में मदद मिली है। नए रंगों और नए टेक्सचर में ये वस्तुएं और भी आकर्षक बन पड़ती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी मांग भी है। इससे डिजाइन की दुनिया में इनका एक नया स्थान बना है, जहां उत्पादों में भारत की विरासत न सिर्फ झलकती है, बल्कि यह रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाती है। एक्ज़िम बाज़ार शिल्पकारों के लिए बिक्री बढ़ाने के साथ-साथ कॉर्पोरेट और खुदरा खरीदारों से संपर्क बढ़ाने में भी मददगार होगा। इसके अतिरिक्त, इससे शिल्पकारों को भारत की विभिन्न कलाओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.