Expert Advice : इस बार जिम्मेदारी के साथ मनाएं त्योहार

नई दिल्ली। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर चुके जिन लोगों ने स्थिति की गंभीरता को समझा उन्होंने कोविड अनुरूप व्यवहार को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है, लेकिन अब भी ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जो कोविड को गुजरे जमाने की बात कर रहे हैं या फिर वैक्सीन लगवाने के बाद बिना मास्क लगाए घुम रहे हैं, ऐसे बेपरवाह लोग न सिर्फ खुद के लिए खतरा है बल्कि बाकी लोगों के लिए भी संक्रमण का खतरा पैदा कर रहे हैं। आगामी तीन से चार महीनों में कोविड अनुरूप व्यवहार को लेकर पढ़ाए गए पाठ की असल परीक्षा होगी, जबकि सभी सम्प्रदायों के प्रमुख त्यौहार आने वाले हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व तो दस सितंबर से हर्षोल्लाष के साथ शुरू हो गया जो 19 सितंबर अनंत चौदस विसर्जन वाले दिन तक चलेगा, इसके साथ ही आगामी कुछ दिनों में शारदीय नवरात्रि, छठ या फिर क्रिसमस आदि कई क्षेत्रीय स्तरीय त्योहार हमारे सामने हैं, त्योहार बनाते हुए हम किस तरह संयमित रहते हैं, यही संयम संक्रमण की तीसरी लहर से बचा सकता है।
एम्स रायबरेली के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी कहते हैं कि देश में कोविड वैक्सीन अपनी औसत गति से संचालित किया जा रहा है, जिसे देश की आबादी और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार संतोषजनक कहा जा सकता है। लेकिन त्यौहार के समय संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए हमें अतिरिक्ता सुरक्षा सेफ गार्ड की जरूरत होगी और यह सेफ गार्ड नए नहीं हैं, हमें वहीं पुराने कोविड अनुरूप व्यवहार को अपनाना है जिसका पालन करने के लिए शुरू से कहा जा रहा है। हमारे यहां त्योहारों में होने वाली सोशल गैदरिंग एक अनिवार्य प्रथा मानी जाती हैं, अब क्योंकि हम पिछले डेढ़ साल से कोविड महामारी का सामना कर रहे हैं तो ऐसे में अब लोगों से मिलना चाहते हैं, चिकित्स कोविड के इस लंबे समय को कोविड एंजाइटी भी कह रहे हैं। स्वाभाविक है त्यौहारों के बहाने मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश की जाएगी। निश्चित रूप से त्यौहार हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक भी है, लेकिन हमें अभी भी सचेत रहने की जरूरत है।


अभी कुछ दिन और संयम और सर्तकता का पालन करना होगा और इसकी जिम्मेदारी अकेले सरकार या स्वास्थ्य मंत्रालय की नहीं है। सामाजिक स्तर पर आरडब्लूए और सामाजिक संगठनों को इस बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए, दिल्ली, बंगलूरू सहित ए टायर शहरों में आरडब्लूए और सोसाइटी द्वारा पंडालों में दुर्गा पूजा आयोजित किए जाते हैं। इसी तरह ट्रेडर्स एसोसिएशन को दिपावली और छठ पूजा के समय एकत्रित होने वाली भीड़ पर नजर रखनी होगी। व्यापारियों को यह बात लोगों को समझानी होगी कि वह बाजार में सामाजिक दूरी बनाए रखें, वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करें, क्योंकि अभी भी ऐसी लोगों की संख्या अधिक हैं जो किसी कारणवश वैक्सीन नहीं ले पाए हैं। डॉ. रघुवंशी कहते हैं कि परिवार के सदस्यों के बीच बेहद कम समूह के साथ त्यौहार मनाए जा सकते हैं, ऑन लाइन शॉपिंग एक बेहतर विकल्प है, विडियो कॉल कर रिश्तेदारों को शुभकामना संदेश भेजे जा सकते हैं। अत्यधिक जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें, अमेरिका सहित विश्व के कई देश एक बार फिर कोविड की जद में है, वायरस खतरनाक ही नहीं चालाक भी है यह इम्यूनिटी को गच्चा देकर शरीर में प्रवेश कर सकता है। महामारी के साथ हमारे अब तक के अनुभव यही कहते हैं कि फिलहाल कोविड अनुरूप व्यवहार ही इससे बचने का श्योर शॉट तरीका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के हाल ही में जारी आंकड़ों पर अगर नजर डालेंगें तो पाएगें अभी 18 साल से अधिक उम्र के केवल 58 प्रतिशत युवाओं को पहली डोज लगी है, इसमें से 18 प्रतिशत युवा ऐसे हैं जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, कोविड वैक्सीन और कोविड अनुरूप व्यवहार ही त्योहार में हमें कोविड संक्रमण के संभावित खतरे से बचा सकता है, इसके साथ ही हमें देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को भी ध्यान में रखना होगा, जून महीने के बाद एक फिर देशभर में रोजाना कोविड के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, इसके साथ पश्चिमी देशों में कोविड के बढ़ते प्रकोप के बीच विशेषज्ञ तीसरी लहर से इंकार नहीं कर रहे हैं, टीकाकरण की गति बढ़ाने के साथ ही त्योहार पर होने वाली भीड़ को देखते हुए कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन हमें खुद अपनी आदतों में शामिल करना होगा। कोविड से लड़ते हुए हमने एक लंबा समय गुजार लिया है कुछ दिन का और संयम हमें विजयी बना सकता है। कोशिश करें कि पहली और दूसरी लहर के एवज में हम जानमाल के कम नुकसान के साथ इस दौर को पार करें। सब साथ रहेगें तो त्योहार आगे भी मनाते रहेगें, फिलहाल के लिए “सुरक्षा सर्वोपरि”

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