किसानों के बिलों को मिला 21 पार्टियों का समर्थन

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा राजनैतिक दलों से चर्चा कर किसानों की पूर्ण कर्ज माफी विधेयक 2018 एवं किसानों की फसल के लिए सुनिश्चित लाभकारी मूल्य अधिकार बिल 2018 का अंतिम मसौदा तैयार किया गया । इस तरह विपक्ष की प्रमुख पार्टियां तथा एनडीए को समर्थन करने वाले कई राजनैतिक दलों ने किसान के बिलों पर आज मुहर लगा दी है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक कमेटी रूम पार्लियामेंट एनेक्सी में सम्पन्न हुई । बैठक में 192 किसान संगठनों द्वारा 21 राज्यों में 10 हजार किलोमीटर की किसान मुक्ति यात्रा के बाद 20-21 नवम्बर को दिल्ली में किसान मुक्ति संसद, संसद मार्ग पर लाखों किसानों के समक्ष प्रस्तावित किसानों की पूर्ण कर्ज माफी अधिकार बिल 2018 एवं किसानों की फसल के लिए सुनिश्चित लाभकारी मूल्य अधिकार बिल 2018 पर चर्चा की गई ।
उल्लेखनीय है कि 28 मार्च 2018 को 21 राजनैतिक दलों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा प्रस्तुत बिलों का समर्थन किया था । अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवम राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाई गई थी, जिसकी बैठक आज थी । बैठक में बिल का अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए क्लॉज़ बाई क्लॉज़ (सभी धाराओं) पर चर्चा हुई । दोनों पक्षों के सुझावों पर चर्चा के बाद दोनों बिलों का प्रारूप तैयार किया गया, जिसे संसद में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रतिनिधि सांसदों द्वारा संसद में निजी विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा ।
बैठक में शरद पवार (एनसीएपी), शरद यादव,दिनेश त्रिवेदी(अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस), दीपेंद्र हुड्डा(कांग्रेस), जेपी यादव (आरजेडी), अरविंद सावंत(शिव सेना), नागेंद्र प्रधान(बीजेडी), वी विजय साई रेड्डी(वाई एस आर कांग्रेस), ए.आर राथर (जे&के नेशनल कॉन्फ्रेंस), हनन मोल्ला(सीपीआई-एम), आशुतोष(आम आदमी पार्टी), जयंत चौधरी(आरएलडी). बैठक से पूर्व इन दलों द्वारा अपनी सहमति बिलों को लेकर दे दी गयी, जो इस प्रकार हैं टीडीपी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, एआईडीएमके, जनता दल(सेक्युलर), झारखण्ड विकास मोर्चा, सीपीआई, सीपीआई (एमएल), एसडब्लूपी, आरएसपी. की बैठक में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की अधिकृत समिति जिसमें संयोजक वी एम सिंह, राजू शेट्टी, कविता कुरुंगति, किरण विस्सा,आशीष मित्तल मौजूद रहे और साथ ही कृषि एवं मूल्य आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ तजमुल हक़ भी मौजूद रहे ।

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