कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने लगाई पुण्य की डुबकी

कार्तिक माह में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। वैसे तो इस पूरे महीने में गंगा स्नान होता है लेकिन माह के अंतिम दिन पूर्णिमा पर स्नान गंगा स्नान करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है।

गुड़िया सिंह

कार्तिक माह की शुरुआत शुक्ल पूर्णिमा स्नान विधान के साथ कार्तिक पूर्णिमा तक यानि पूरे एक माह तक गंगा स्नान का सिलसिला चलता है। स्नान के बाद श्रीहरी अनुष्ठान और तुलसी को दीपदान किया जाता है। कार्तिक माह में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। वैसे तो इस पूरे महीने में गंगा स्नान होता है लेकिन माह के अंतिम दिन पूर्णिमा पर स्नान गंगा स्नान करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है। आज सुबह से ही प्रदेश के उन शहरों में स्नान के लिए लोग उमड़ रहे हैं, जहां से गंगा गुजरती है। वाराणसी में तो मेले जैसा माहौल है। दशाश्वमेघ घाट पर भोर से ही स्नान करने वाले श्रद्धालुओ की भीड़ लगी हुई है। अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू मे डुबकी लगाई। भोर से ही अयोध्या में दूरदराज से आये लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था के सागर मे डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। स्नान के बाद प्रमुख मठ मंदिरों में अपने अपने अराध्य देव के दर्शन पूजन भी किए गए। अयोध्या मे चल रहे कार्तिक मेले का आज अन्तिम दिन है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश के तीर्थ स्थल गढ़मुक्तेश्वर के खादर क्षेत्र की गंगा नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया । श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ साथ अपने दिवंगत परिजनों की आत्मशान्ति के लिये दीप भी दान किये।
गढमुक्तेश्वर व तिगरी के रेतीले मैदान से होकर गुजर रही गंगा नदी में राजिस्थान, दिल्ली, हरयाणा, पंजाब सहित उत्तर प्रदेश अदि स्थान से श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। इस बार भी करीब 15 किमी के क्षेत्र मे मेला का आयोजन किया गया था । मेले में सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरे से अधिकारी नजर रखे हुए थे । वहीं महिलाओं को मेले में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा । महिलाओं श्रद्धालुओं को कपडे़ बदलने व नहाने के लिए अलग घाट की कोई व्यवस्था नहीं थी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को धर्मनगरी हरिद्वार में हरकीपैड़ी पर स्नान करने वालो का जन सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही दूर दूर से श्रद्धालुओं ने हरिद्वार पहुंचकर हरकी पैड़ी पर माँ गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं तथा स्वास्थ्य एवं समृद्घि में वृद्घि होती है। पटना के गंगा नदी के पटना कॉलेज घाट, कलेक्ट्रिएट घाट, दानापुर घाट, महेन्द्रूघाट सहित सभी घाटों पर सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ जुटी हुई है। पटना के अलावे राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोग इन घाटों पर गंगा में डुबकी लगा रहे हैं और दान कर रहे हैं। पंडित अखिलानंद शास्त्री ने कहा कि कार्तिक पूणिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन जो भी दान किया किया जाता है, उसका पुण्य कई गुना अधिक प्राप्त होता है। इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि इस दिन गंगा में स्नान करने के लिए बिहार ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग यहां आते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला क्षेत्र के समीप गंगा-गंडक संगम पर भी लाखों लोग स्नान के लिए जुटे हुए हैं। लोग संगम में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। गंगा के अलावे राज्य के अन्य क्षेत्रों में कोसी, गंडक सहित अन्य नदियों के घाटों पर भी लोग स्नान कर स्वास्थ्य एवं समृद्घि की कामना कर रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पटना के गंगा तटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए है। गंगा घाटों पर रविवार की रात से अतिरिक्त पुलिस बल और दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। इधर, मंदिरों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा पूजा-अर्चना करने वालों की संख्या में वृद्घि देखी जा रही है। लोग प्रात: स्नान कर मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

 

 

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