खबरें विचलित कर रही हैं पर सरकार बेफिक्र

  • आजकल खबरें बहुत विचलित करने वाली हैं । पर गम बहुत हैं सरकार को बडे आराम के साथ ।   गुरुग्राम से समाचार से मन विचलित हो गया । रेप पीड़िता के अपहरण के बाद गवाही देने से रोकने के लिए उसके संवेदनशील अंगों पर तेजाब डाल दिया । पहले तो पुलिस ने रिपोर्ट ही आठ दिन बाद लिखी और फिर लडकी ने सौ नम्बर डायल कर मदद मांगने की कोशिश की पर फोन उठाया ही नहीं किसी ने ।पुलिस अभी तक खाली हाथ है । अपराधी बाहर घूम रहे हैं । 

इनेलो नेता व विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता अभय चौटाला ने सही कहा है कि हरियाणा सरकार जयंती उत्सव छोड़कर कानून व्यवस्था को सुधारने की ओर ध्यान दे ।
पहले गुरुग्राम के अस्पताल ने डेंगू पीड़ित बच्ची की मृत्यु के बावजूद सोलह लाख रुपये का बिल थमा दिया और परिवारजनों ने मीडिया में इस मुद्दे को उठाया । पंद्रह दिन के उपचार के सोलह लाख रुपये और बच्ची भी भगवान् को प्यारी हो गई । पर अस्पताल को अपने बिल से मतलब । डाक्टर व प्रबंधन का दिल कहां गया ? संवेदनशीलता कहां गयी ? इसी बीच एक ऐसे परिवार की व्यथा भी सामने आई थी , जिसे साकेत अस्पताल ने तेरह लाख रुपये का बिल थमाया था । ये भगवान् माने जाने वाले डॉक्टर कब से कार्पोरेट हो गये ? दिल अस्पताल से बाहर रखकर आने लगे ?
अब समाचार दिल्ली मैक्स अस्पताल का है । जुड़वां बच्चे मरे बता कर पॉलीथीन में डालकर थमा दिए जबकि एक की सांस चल रही थी। अंतिम संस्कार करते समय परिवार की जानकारी में आई यह बात । परिवार ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया ।
गुजरात में चुनाव चल रहा है । राहुल गांधी के धर्म की बहुत फिक्र हो रही है । सोमनाथ मंदिर के रजिस्टर को मीडिया दिखाता नहीं थका लेकिन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की रैली में शहीद सैनिक अशोक की बेटी रूपल घोषित किए प्लाॅट की याद दिलाने की इच्छा से गयी पर विजय रूपाणी से सुरक्षाकर्मियों ने मिलने नहीं दिया बल्कि बुरी तरह घसीटा । शहीदों का ऐसा सम्मान ? कल्पना कीजिए उस दृश्य की । दिल विचलित होगा या नहीं ? वोटों की चिंता है , शहीद परिवार की क्यों नहीं ?  राहुल गांधी के जनेऊ या हिंदू होने की बडी फिक्र है लेकिन सीमा पर सुरक्षा करते समय प्राणों की आहुति देने वाले परिवार की नहीं ? क्यों ? कभी कहा जाता था
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे
हर बरस मेले
वतन पे मिटने वालों का
यही बाकी निशान होगा ,,,,
पर कहना पड़ रहा है :
गम बहुत है हुक्मरान को
मगर बडे आराम के साथ
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कमलेश भारतीय 

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