जम्मू कश्मीर के गुर्जर बकरवाल समाज के साथ अन्याय नहीं होने देंगे : रविन्द्र भाटी

नोएडा। राष्ट्रीय गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति की ओर से कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में गुर्जर बकरवाल कौम को 1991 एसटी का आरक्षण मिला हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय भवन गुज्जर बकरवाल को मिले। आरक्षण में अन्य जातियों को शामिल करने की कवामद जो सरकार ने शुरू की है, गुर्जर समाज उसका पूरा विरोध करता है। यहां 3500000 गुज्जर बकरवाल समाज को प्रभावित करता है और उच्च जाति पहाड़ियों समुदाय को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने के खिलाफ गुर्जर समाज जम्मू कश्मीर में आंदोलनरत है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुर्जर समाज के नेता रविंद्र भाटी जो जम्मू और कश्मीर में भी थे और जम्मू कश्मीर राजौरी पुंछ और कश्मीर में विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए, उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर के आदिवासियों के साथ पूरे भारत के गुर्जर उनके साथ खड़े हैं। सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय को जम्मू कश्मीर के गुर्जर बकरवाल समाज के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। रविंद्र भाटी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में गुर्जर अभी भी एक कठिन खानादोस जीवन जी रहे हैं और उन्होंने मुख्यधारा में लाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है और ब्राह्मण राजपूत और उच्च जातियों के मुसलमानों को इस आरक्षण में जोड़ना चाहती हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि सैयद और राजपूत चुनाव में 11 वीं शताब्दी तक राजोरी कर शासन क्या और जमीदार रहे हैं। पहाड़ी ने तो आदिवासी है और ना ही पिछड़े हुए हैं लेकिन इस उच्च जाति और विशेष अधिकार प्राप्त पार्टी द्वारा गुर्जरों के साथ अभी भी कुछ स्थानों पर दवितीय श्रेणी के नगरों की तरह व्यवहार किया जाता है। अतीत में गुर्जर बक्र वालों के साथ भेदभाव और कलंक किया गया है और आज भी पहाड़ी नेता हमारे लोगों को जो शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं उनको विरोध प्रदर्शन ना करने की धमकी दे रहे हैं। विभिन्न संगठनों के अन्य गुर्जर नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और उनमें से उल्लेखनीय राष्ट्रीय गुर्जर समन्वय समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष रणवीर चंदेला जी अधिवक्ता दिवाकर बिधूड़ी ने सरकार को चेतावनी दी है कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजाति की स्थिति को कम ना करें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे और पूरे भारत का गुर्जर समाज अखिल भारतीय आंदोलन के तरह आंदोलन शुरू करेगा। गुर्जरों बकरवाल द्वारा इस तरह के आंदोलन को संभालना सरकार के लिए वास्तव में कठिन होगा उन्होंने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि आदिवासियों के आरक्षण को चुनाव जीतने की रणनीति के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और सरकार को जम्मू कश्मीर के राष्ट्रवादी गुर्जर बकरवाल आदिवासियों के साथ अन्याय करने से दूर रहना चाहिए। जो हमेशा आतंकवाद के खिलाफ खड़े रहे हैं और हमेशा सीमाओं पर भारतीय सेना के साथ दूसरी पंक्ति मैं खड़े होकर देश की रक्षा की है। उनके साथ इस तरह से अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इस मौके पर युवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र भाटी राष्ट्रीय गुर्जर समन्वय समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष रणवीर चंदेला जी गुर्जर युवा समिति के एडवोकेट दिवाकर बिधूड़ी जी संस्थापक सदस्य अनिल कसाना निरंजन नागर गुर्जर महासभा भुवनेश्वर नागर नितिन नागर आदि लोग मौजूद रहे।

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