बिकाऊ होते तो खरीद लेते हार्दिक को…

हद हैं भई । कभी किन्नर ढूंढे जाते थे और किन्नरों ने राजनीति में अपनी पहचान भी बनाई । किन्नर तो प्रिसिंपल भी बनी । खैर , अब जादूगरों का सहारा हैं ।

कमलेश भारतीय

गुजरात चुनाव में बहुत मनोरंजन हो रहा है । यूपी को भी पीछे छोड़ते जा रहे हैं मनोरंजन करने में नेता । खुद जादूगर हैंं लेकिन जादूगरों का रैलियों में सहारा क्यों लेती रहे हैं ? समझ से बाहर है यह बात । पहले राहुल गांधी ने जादूगर को रैली में बुलाया । अब भाजपा की रैलियों में भी जादूगर खेल दिखा रहे हैं । कांग्रेस प्रभारी व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद एक जादूगर पिता की संतान हैं । उन्होंने अपने जादूगर मित्रों को चुनाव में काम दिलवा दिया ।
इसी चुनाव की लहर के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने पद्मावती को बिना देखे बैन करना नहीं भुलाया । यह भी अपनी किस्म की जादूगरी ही है । किसी को न जांचा न परखा , बस देखादेखी बैन लगा दिया । चुनाव पर ही ध्यान देते पर पद्मावती भी तो अब राजनीति का हिस्सा हो चुकी हैं ।
नोटबंदी का खेल दिखाने के लिए राहुल गांधी ने जादूगर का सहारा क्या लिया , भाजपा ने भी जादूगर ढूंढ लिये । हद हैं भई । कभी किन्नर ढूंढे जाते थे और किन्नरों ने राजनीति में अपनी पहचान भी बनाई । किन्नर तो प्रिसिंपल भी बनी । खैर , अब जादूगरों का सहारा हैं ।
एक और मजेदार बात हैं कि एक एक शब्द को पकडा जाता हैं । मूर्ख शब्द कहा तो हार्दिक पटेल ने वही बात दोहराई । गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने हार्दिक को परचेजेबल आइटम कहा तो उसने पलट कर कहा कि हां , मैं ऐसी आइटम हूं । पाटीदार समाज के लिए कुछ भी कर सकता हूं । पर भाजपा या नितिन पटेल बताएंगे कि आपने हार्दिक को खरीदने या तोडने में कमी कहां रखी ? हार्दिक ने जवाब दिया कि खरीद नहीं पाए , तोड नहीं पाए तब सीडी क्यों बनवाई ? हार्दिक ने गंदी सीडी का मुकाबला किया और कहा कि वह एक युवक है , नपुंसक नहीं । किसी के बैडरूम में क्यों झांकते हो ।? मर्द हैं तो चुनावी मुद्दा लाइए , सीडी लाकर क्या होगा ?
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिन का कार्यक्रम रख रहे हैं और राहुल गांधी भी गुजरात जा रहे हैं । मजेदार बात हैंं कि हार्दिक पटेल सिर्फ तेइस साल के हैं यानी गुजरात में भाजपा का राज ही देखा । अब एक युवा उस राज को बदलने की चुनौती दे रहा हैंं । भाजपा विकास की , गुजरात विकास माॅडल की दुहाई दे रही हैंं जबकि हार्दिक गांवों की , गरीबों की दुहाई दे रहा हैंं । बेरोजगारी की दुहाई दे रहा हैंं ।
गुजरात में एक महिला प्रत्याशी संगीता पाटिल झांसी की रानी की वेशभूषा में घोडे पर सवार होकर नामांकन करने पहुंची । क्या इनके नौटकियों से चुनाव की नैया पार होगी ? बहुत सारी बातें हैं । फिर सही ।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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