चंडीगढ़ । अपने बड़े पड़ोसी राज्यों की तुलना में आकार में छोटा और कम मात्रा में व्यापार होने के बावजूद हरियाणा ने ईवे बिलों के सृजन में अच्छा प्रदर्शन किया है। 20 अप्रैल, 2018 को शुरू होने के बाद से राज्य में कुल 1,45,264 ईवे बिल सृजित हुए हैं जो देश में सृजित ईवे बिलों की तीसरी सबसे अधिक सं या है। हरियाणा की तुलना में केवल उत्तर प्रदेश और गुजरात ने अधिक ईवे बिल सृजित किए हैं।
आबकारी और कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा में माल एवं सेवा कर के तहत ईवे बिलों काकार्यान्वयन अत्यधिक सफल रहा है। 20 अप्रैल, 2018 से राज्यान्तरिक(इंट्रा-स्टेट) ईवे बिलों के शुरू होने के बाद हरियाणा में सृजित ऐसे बिलों की सं या पिछले बिलों की सं या से दोगुनी हो गई है जब केवल अंतर-राज्यीय ईवे बिल सृजित किए जाते थे।
आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल, 2018 तक हरियाणा में 1.45 लाख से अधिक ईवे बिल सृजित हुए हैं। इनमें से 40 प्रतिशत अंतर-राज्यीय लेनदेन के लिए और लगभग 60 प्रतिशत राज्यान्तरिक ईवे बिल हैं।
उन्होंने इस उपलब्धि के लिए निर्माताओं, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं सहित सभी हितधारकों की सराहना की। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल, 2018 को 1,418 करदाताओं ने अपना पंजीकरण करवाया और 14 ट्रांसपोर्टरों ने नामांकन करवाया। गुरुग्राम पश्चिम में अधिकतम सं या में अंतर-राज्यीय ईवे बिल जबकि गुरुग्राम उत्तर में अधिकतम सं या में इंट्रा-स्टेट ईवे बिल सृजित हुए।
विभाग के जांच स्क्वाड सभी जिलों में माल की अंतर-राज्यीय एवं इंट्रा-स्टेट आवाजाही के लिए ईवे बिलों की जांच कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि यातायात में बाधा उत्पन्न किए बिना औसतन हजार से अधिक परिवहन वाहनों की जांच की जा रही है।