हरियाणा सरकार चिंतन करने जा रही है । इसके लिए परवाणू को चुना है । चंडीगढ से ज्यादा दूर नहीं । पर हिमालय में आ जाने से हरियाणा सरकार के इस चिंतन पर सवाल उठने लगे हैं । चिंतन से पहले ही चिंतन शुरू हो गया हैं ।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि चिंतन के लिए परवाणू जाने की क्या जरूरत है ? चंडीगढ में ही चिंतन करें : कानून व्यवस्था का । बहुत जरूरी हो गया हैं । उकलाना में छोटी बच्ची से दुष्कर्म का मामला गर्म हैं । आंदोलन की चेतावनी दी जा रही हैं । क्या हुआ कानून व्यवस्था को ?
तीन आईएएस अधिकारियों ने माफी मांगी है , इस शिविर मन न आने के लिए । अशोक खेमका ने कहा है कि वे आग सकते हैं लेकिन शाम को वापस आने की अनुमति दी जाए । पी रघुविंदरा राव बीमारी का हवाले से छूट मांग रहे हैं ।
मंत्री ओमप्रकाश धनखड कह रहे हैं कि हमारी परंपरा रही हैंं संयुक्त रूप से चिंतन करना । कीजिए । समवेत कीजिए । चिंतन करने जा रहे हो , संन्यास लेने नहीं । फिर हिमालय जाने की क्या जरूरत ? हरियाणा का मौसम भी अब तो सुहाना हो गया । हिमाचल जैसा । ठंडे मन से विचार कीजिए । घर का लुत्फ भी लेते रहिए ।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना हैंं कि तीन वर्ष में तीन बार जला हरियाणा । क्या इस बात पर चिंतन होगा ? आरक्षण की आग पर चिंतन होगा ? बाबा राम रहीम जैसे व्यक्ति विशेष धार्मिक
संस्थाओं पर मंथन होगा ? पंचकूला को जिसने षड्यंत्र कर तहस नहस कर डाला , उस पर उदारता क्यों ? इस पर मनन होगा ?
मुझे उम्मीद है कि सरकार चिंतन करेगी और इस पर भी चिंतन करेगी कि आखिर लोकप्रियता का ग्राफ इतना नीचे कैसे गिरता जा रहा है ? इतनी जल्दी किसी सरकार ने विश्वास नहीं खोया ।
इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरूरत है । कहा जाता है कि
न समझोगे तो बहुत पछताओगे, ,,
कमलेश भारतीय