रैलियों से बदलेगी हरियाणा की तस्वीर ? 

हरियाणा में राजनीतिक रैलियों का दौर आ रहा है । सवाल यह है कि क्या इन रैलियों से हरियाणा की तस्वीर बदल सकेगी ? क्या हिसार में पानी के लिए धरने पर बैठे किसानों को पानी मिलेगा ? एक लाख बाइक चलाने से पर्यावरण की रक्षा हो पायेगी ? इस तरह के सवाल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी पूछ रहा है । और आम आदमी भी ।
राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में आम जनता के जान माल की सुरक्षा क्यों उपेक्षित कर रहे हैं ? दूसरी ओर जाट आरक्षण आंदोलन की ओर से उसी दिन ट्रैक्टर चलेंगे । कहीं बाइक दौड़ेगी,  कहीं ट्रैक्टर । दोनों में लग रहा हैं जोर । शक्ति प्रदर्शन की बजाय यदि यही पैट्रोल किसानों को दे दें तो उनके कितने काम संवर जाएं । पर ऐसा न कोई करता हैं और न आशा करनी चाहिए । ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तो साइकिल यात्रा की सलाह दी हैं । तंवर पहले ही साइकिल लेकर चल पडे हैं । अब अमित शाह के सिपाही साइकिल पर कैसे चल सकते हैं ? सत्ता और विपक्ष में कुछ तो फर्क रखो यारो । भाजपा के ही सांसद राजकुमार सैनी रैली में नहीं जाएंगे । उनका कहना है कि हरियाणा में जश्न मनाने लायक कुछ नहीं है । जाट नेताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था को खतरे में डाल दिया है । राजनीतिक रोड शो के लिए राज्य सरकार ने घुटने टेक दिए हैं । उन्होंने कहा कि शाह की रैली के चलते सरकारी कार्य भी ठप्प पडे हैं ।
बताइए रैलियों से जो प्रदूषण फैलेगा और भाईचारा प्रभावित  होगा , उसे कैसे सुधारा जाएगा ?दो वर्ष पूर्व हुए घटनाक्रम के बाद मुश्किल से राज्य को फिर से पटरी पर लाया गया । अब फिर ऐसी आशंका है । अर्धसैनिक बल बुला लिए गए हैं । यह रैली होने जा रही हैं या युद्ध ? इतनी कंपनियों का खर्च भी हरियाणा सरकार ही उठाएगी तो यह रैली तो अर्थ व्यवस्था पर भी असर डालेगी । कितना भी जमा खर्च कर लें पर रैली से सिवाय शकि प्रदर्शन के कुछ हासिल होने वाला नहीं ।
हरियाणावासियों के  लिए यह धैर्य और परीक्षा की घड़ियां हैं ये रैलियां । इन्टरनेट सेवाएं ठप्प की जाएंगी । लोग बिना बंद के आह्वान के बंद कर लेंगे । भगवान् बचाए । खुदा खैर करे और सतगुरु मेहरबानी रखे । हरियाणा महफूज रहे हर बला से….
– कमलेश भारतीय 

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