नीति आयोग के अनुसार, छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य से बाहर. राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज.
रायपुर। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस दिवस पर स्वास्थ्य सुविधा पर अपनी चिंता और चिंतन पर खुल कर चर्चा होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के मुताबिक आधी दुनिया की जनसँख्या अभी भी उन स्वास्थ्य सेवाओं से दूर है जिनकी उन्हें जरुरत है. इसे गंभीरता से लेते हुए इस वर्ष “विश्व स्वास्थ्य दिवस” पर संगठन ने “विश्वव्यापी स्वास्थ्य कवरेज: सभी के लिए, सभी जगह” विषय पर जागरूकता के लिए विश्व के देशों का आह्वान किया है. विश्वव्यापी स्वास्थ्य कवरेज के माध्यम से लोगो को बिना किसी आर्थिक संकट के उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी किसी भी देश या राज्य शासन को निभाना होता है. भारत के सभी राज्यों में छत्तीसगढ़ इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
वर्ष 2003 में एक बीमारू राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ की कमान जब मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने संभाली तो यहाँ की स्वास्थ्य सुविधा अत्यंत लचर थी. एक डॉक्टर होने के नाते डॉक्टर रमन सिंह ने वर्ष 2004-05 के अपने पहले ही बजट में चिकित्सा सुविधाओं की करोडो की जम्बो बजट पेश करके बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने का संकल्प लिया. पूरे प्रान्त में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में आई कई लाभकारी योजनाओं की नजर छतीसगढ़ के स्वास्थ्य पर टिकी रही.यह सिलसिला चलता रहा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ बहाल होती रही .फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर घटी,बीमारियों पर अंकुश लगा और स्वस्थ प्रान्त की सूची में नाम दर्ज होने लगा. इस वर्ष के बजट में भी मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य बीमा 30,000 रु. से बढाकर 50,000 रू. तक कर दी. और निःशुल्क पैथोलॉजी और रेडियोलोजी की सुविधा देकर मरीजो को बड़ी राहत दी है. जब कभी भी छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया जैसे रोग सुनामी की तरह आई तो सरकार ने उसका डटकर मुकाबला किया. सेवा में लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन पर कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ छत्तीसगढ़ की छवि बदली है. बीते 9 फरवरी को नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक रिपोर्ट “स्वस्थ राज्यों, प्रगतिशील भारत ” के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण छत्तीसगढ़ अब “बीमारू राज्य” की श्रेणी से बाहर है.
बीते सप्ताह एक ही दिन में 7.5 करोड़ लोगो का सिकल सेल जांच कराने के कारण छत्तीसगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र दिया गया. यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ भारत के अन्य राज्यों की अपेक्षा तेजी से विकसित होने वाला राज्य है जहाँ स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास में गुणात्मक उन्नति हुआ है. स्वास्थ्य के प्रति हमारी भूमिका भी काफी मायने रखती है. हमें बीमारी के उपचार की बजाय रोकथाम की तरफ ध्यान देना चाहिए. मच्छर जैसी चुनौतीपूर्ण समस्या से बचने के लिए हमें अपने आस-पास के क्षेत्र को स्वच्छ रखना होगा ताकि रोगाणु रोधक क्षमता बढे. पारंपरिक चिकित्सा-पद्धति और योगासन पर अपनी निर्भरता बढानी होगी. इस दिशा में मुख्यमंत्री ने बेहतर स्वास्थ्य देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए आयुर्वेद औषधालय शोध एवं अनुसंधान केंद्र तथा देश के पहले योग आयोग की स्थापना की. छत्तीसगढ़ में जब-जब जनता से जुडी स्वास्थ्य समस्याएँ आई सरकार त्वरित कार्यवाई की . इस प्रकार यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि एक दिन छत्तीसगढ़ देश का बेहतर स्वास्थ्य प्रदाता राज्य बनेगा.