जागरुकता में कमी के कारण ही हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं: डा.बिमल छाजेड़

नई दिल्ली: “गतिहीन जीवनशैली और खराब खान-पान के कारण भारत में हृदय रोगों के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। हार्ट अटैक के कारण हर रोज लगभग 9000 लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से लगभग 900 लोग 40 से कम आयु के युवा होते हैं। भारत के अस्पतालों में हर साल लगभग 2 लाख लोगों की ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है और अब यह संख्या 25 प्रतिशत बढ़ रही है। लेकिन इतने प्रयासों के बावजूद हार्ट अटैक के मामलों में कमी नहीं आई है।

इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए लोगों को हृदय रोगों और उनके जोखिम कारकों के बारे में जागरुक करना बहुत जरूरी है। हृदय रोगों की रोकथाम के बारे में जागरुकता फैलाने और रोगियों को बिना सर्जरी के दिल की बीमारियों से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य के साथ साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग (साओल) ने मेरठ में अपने नए सेंटर का उद्घाटन किया।

साइंस एंड आर्ट ऑफ लीविंग हार्ट सेंटर के संस्थापक डॉ. बिमल छाजेड़ ने बताया कि नए सेंटर के साथ हम लोगों में स्वस्थ जीवनशैली और शुरुआती इलाज के बारे जागरुकता बढ़ाना चाहते हैं। “लोगों में ज्ञान व जागरुकता में कमी के कारण ही हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके लक्षणों को न समझ पाने के कारण व्यक्ति को आखिर में डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है, जो ब्लॉकेज को खोलने के लिए सर्जरी या एंजियोप्लास्टी की सलाह देते हैं। यदि हमें अपने दिल के स्वास्थ्य की जानकारी पहले से होगी तो इस ब्लॉकेज को आसानी से साफ किया जा सकता है। लोगों में जागरुकता बढ़ाना अनिवार्य है, जिससे हेल्दी लाइफस्टाइल और अच्छे खान-पान की आदतों की मदद से दिल की बीमारियों में कमी लाई जा सके।”

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