झारखंड की राजनीति में आया उबाल

रांची। सर्दी के मौसम में झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। ईडी के सातवीं बार समन के बाद से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीति भविष्य को लेकर कयासां का दौर शुरु हो चुका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि 3 जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें बड़ा फैसला हो सकता है। बैठक मुख्यमंत्री आवास स्थित सभागार में बुधवार को शाम 4.30 बजे होगी। राजनीतिक हलकों में चर्चा कि इस बैठक में कल्पना सोरेन के नाम पर सहमति भी बन सकती है। झारखंड में तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरण के बीच तीन जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में जेएमएम के सभी मंत्रियों, विधायकों के अलावा गठबंधन में शामिल कांग्रेस, आरजेडी और माले विधायकों को भी बुलाया गया है। जेएमएम और गठबंधन में शामिल कांग्रेस-आरजेडी और माले विधायक की बैठक बुलाने के पहले मंगलवार को राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन सीएम आवास पहुंचे। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से काफी देर तक चर्चा की। ईडी की कार्रवाई और उससे उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए तमाम संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा हैं।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने महाराष्ट्र हाईकोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि जिस राज्य में विधानसभा चुनाव होने में एक साल का समय बाकी रह जाता है, ऐसी स्थिति में वहां कोई सीट खाली होने पर विधानसभा उपचुनाव नहीं कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि गांडेय सीट खाली हुई है और वहां से सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते हें, तो ऐसा संभव नहीं हैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं, तो बड़ी गलती करेंगे। ऐसा संभव नहीं हो पाएगा,क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है। बीजेपी इसे रोकने के लिए राज्यपाल से भी मुलाकात करेगी।

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