गृह मंत्रालय ने पेश किया दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक

नई दिल्ली। लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया है। इस संशोधन के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक बनाने की कोशिश में है। गौरतलब है कि 2011 में दिल्ली में तीन नगर निगमों का गठन किया गया, तब से 2022 तक तीनों की सत्ता पर भाजपा का कब्जा है। वहीं, इससे पहले 2007 से 2012 तक भी नगर निगम में भाजपा सत्ता में थी।

सूत्रों की मानें तो इस विधेयक के पास हो जाने के बाद दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड ही होंगे। तीनों वार्डों को एक में मिलाने के बाद नगर निगम चुनाव एक से छह साल के बाद होंगे क्योकि इसके लिए सभी वार्डों का परिसीमन किया जाएगा। इससे पहले मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। लोकसभा की आज की कार्यसूचि में दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संसंधोन विधेयक को शामिल किया गया है।

सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 को शुक्रवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के बीच लोकसभा में पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक को पेश करना इस सदन के विधायी दायरे में नहीं आता है। निचले सदन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उक्त विधेयक पेश किया। इसका कांग्रेस, आरएसपी और बहुजन समाज पार्टी ने विरोध किया। इस पर गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विधेयक को पेश करना कहीं से भी भारत के संविधान की मूल भावना का उल्लंघन नहीं है और ना ही यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।

 

 

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