होमवर्क से नहीं डरते हम बच्चे

बच्चों की कोई नहीं सुनता। मम्मी सुबह-सुबह आधी नींद से ही ऊठा देती हैं। स्कूल जो जाना होता है। स्कूल मेें मैडम पढ़ाती कम और डांटती ज्यादा हैं। साथ में ढेर सारा होमवर्क घर के लिए दे देती हैं। घर पहुंचते ही मम्मी सबसे पहले काॅपी खोलकर देखती है कि क्या होमवर्क मिला। और फिर ऐसे टेंशन लेती हैं जैसे होमवर्क मुझे नहीं उन्हें करना हो। देखा जाए तो यह बात सच भी है। अगर मम्मी पीछे ना लगी रहें तो हम बच्चे कभी होमवर्क ना करें और स्कूल में टीचर से रोज डांट खांए। कभी-कभी सोचता हूं कि स्कूल में पढ़ना ही काफी नहीं है क्या? घर में होमवर्क देने का क्या मतलब है? पापा ने बताया कि होमवर्क जरुरी होता है। हम जो पढ़ाईं स्कूल में करते हैं जब हम घर में होमवर्क के तौर पर उसे दोहराते हैं तो वो चीज हमें अच्छे से याद हो जाती है। बहुत सारे क्ंफ्यूज़न दूर हो जाते हैं।

 

होमवर्क से हममें सेल्फ डिस्पिलिन, एकाग्रचित होकर काम करना, टाइम मैनेजमेंट, अपनी जिम्मेदारी समझना जैसे गुण विकसित होते हैं जो आगे चलकर हमारे बहुत काम आती हैं। होमवर्क के कुछ बेसिक फंडे हैं-

1. हमें होमवर्क करने के लिए शांत जगह चुनना चाहिए। मम्मी सीरियल देखंेगी ही। पापा भी न्यूज देखेंगे और दोनो रिमोट के लिए लड़ेंगे भी। मगर हमें इस शोर शराबे से दूर शांत जगह पर बैठकर अपना होमवर्क करना हैं। हमें अपने पास कोई घ्यान भटकाने वाला गैजेट जैसे मोबाइल, टैबलेट, वीडियो गेम, एमपी 3 प्लेयर आदि नहीं रखना चाहिए। नही ंतो हमारा ध्यान उसी ओर लगा रहेगा ओर मौका मिलते ही हम होमवर्क छोड़कर उसमें लग जाएंगे।

2. होमवर्क करते समय सभी जरुरी काॅपी, किताब और स्टेशनरी जैसे पेन, पेंसिल, शार्पनर, इरेज़र आदि साथ लेकर बैठना चाहिए। बार-बार इन चीजों को लेने के लिए ऊठने से हमारा ध्यान भटक जाता है और हमारा मन होमवर्क करने का नहीं करता। पीने का पानी भी साथ लेकर बैठना चाहिए।

3. होमवर्क करने का टाइम डिसाइड करना एक महत्वपूर्ण काम है। ज्यादातर बच्चे शाम को खेलनेे के बाद होमवर्क करते हैं। मगर सब बच्चे यही रुटीन अपनाएं ऐसा जरुरी नहीं। डिनर से पहले या डिनर के बाद या आधा होमवर्क डिनर से पहले और आधा डिनर के बाद कोई भी रुटीन आप अपना सकते हैं। मगर होमवर्क का एक निश्चित समय होना जरुरी है। साथ ही कट आॅफ टाइम भी निर्धारित होना चाहिए। हमें कट आॅफ टाइम में ही अपना काम खत्म करने की आदत डालनी चाहिए।

4. हमें होमवर्क को हार्ड और ईज़ी में डिवाइड करना लेना चाहिए। हार्ड होमवर्क को पहले कम्पलीट कर लेना चाहिए। होमवर्क स्टार्ट करने के समय हम फ्रेश रहते हैं और हमारा दिमाग चुनौतियां लेने के लिए मुस्तैद रहता है। इसलिए शुरुआत हार्ड होमवर्क से करनी चाहिए। एक समय बाद हम थकने लगते हैं और हमारा दिमाग सुस्त होने लगता है। उस समय ईज़ी होमवर्क करके हम फटाफट फ्री हो सकते हैं।

5. मम्मी के ऊपर होमवर्क का बोझ नहीं लादना चाहिए। मम्मी क्या अपने काम का बोझ हमारे ऊपर लादती हंैं? होमवर्क हमारा काम है। हमें सिर्फ जरुरत पड़ने पर उनकी मदद लेनी चाहिए। हमारी वजह से उन्हें टेंशन हो ऐसी कोई वजह हमें उन्हें नहीं देनी चाहिए।

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