पिछले वर्ष के 33,386 विद्यार्थियों की तुलना में इस साल कुल 36,579 छात्रों की जांच की गई। 2017 में जांच किए गए कुल छात्रों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि। 16 प्रतिशत (5853) छात्रों में आंखों से संबंधित समस्याओं का पता चला और उन्हें चश्मे का प्रयोग करने की सलाह दी गई। 5853 छात्रों में से 495 छात्रों (8 प्रतिशत) में जटिलताओं का निदान किया गया
नई दिल्ली। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कंपनी अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का निरंतर प्रयास कर रही है। अपने कर्मचारी स्वयंसेवा सीएसआर पहल के एक हिस्से के रूप में, देश की इस सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने हाल ही 7 वें ‘‘केरिंग हैंड्स‘‘ का आयोजन किया। इस दौरान एक ही दिन में देश के 104 स्थानों पर निशुल्क नेत्र जांच शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 273 स्कूलों के 36,579 विद्यार्थियों की जांच की गई। जांच किए गए कुल छात्रों में से 5,853 विद्यार्थियों में दृष्टि संबंधी विकार पाया गया।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सबसे ज्यादा 45 स्कूलों के 7,555 विद्यार्थियों की जांच की गई, जबकि इसके बाद एनसीआर और हैदराबाद की बारी आती है। वर्ष 2017 में चश्मा पहनने की जरूरत वाले छात्रों की संख्या में 22 प्रतिशत की बढोतरी देखी गई। इस बार 5,853 छात्रों को चश्मा पहनने की सलाह दी गई, जबकि पिछले साल 4,802 छात्रों को ऐसी सलाह दी गई थी। पश्चिमी क्षेत्र में ऐसे छात्रों की संख्या अधिक सामने आई। 495 (8 प्रतिशत) छात्रों में कम दृष्टि के कारण आंखों संबंधी अन्य जटिलताएं पाई गईं जैसे एम्ब्लीयोपिया, साइक्लोपेजिया, हाइपरमेट्रोपिया और सिरदर्द। हालांकि इस साल जटिलताओं वाले मामलों में 5 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी के प्रमुख-मानव संसाधन श्री जेरी जोस कहते हैं कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में हम समाज के प्रति बड़े पैमाने पर अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं और इसीलिए हम सामान्य व्यापारिक लक्ष्यों से आगे बढ़ते हुए समुदाय में सक्रिय रूप से अपना योगदान देने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, हम अपने कर्मचारियों को समुदाय केंद्रित गतिविधियों में शामिल करने में दृढता से विश्वास करते हैं। 2011 में शुरू किया गया हमारा ‘‘केरिंग हैंड्स‘‘ कार्यक्रम हमारे कर्मचारियों के लिए एकदम सही मंच साबित हुआ है, जिसके माध्यम से वे 1.8 लाख वंचित बच्चों तक पहुंच पाए हैं और उन्हें बेहतर दृष्टि देने में कामयाब हुए हैं।‘‘
गौरतलब है कि हर साल करीब 3000 कर्मचारी इस स्वयंसेवा सीएसआर पहल में हिस्सा लेते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के कर्मचारी, विद्यालयों से अनुमति प्राप्त करने, योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञों की व्यवस्था करने और देश भर में एक ही दिन में आंख-जांच शिविरों को व्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय टीम के साथ मिलकर काम करने की जिम्मेदारी उठाते हैं। पिछले सात वर्षों में कंपनी ने छोटे और दूरदराज के स्थानों के कर्मचारियों को ‘‘केरिंग हैंड्स‘‘ पहल में भाग लेने और वंचित समुदायों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में प्रयास करने का अवसर दिया है।