लीडर बनना है तो निर्देशन और नियंत्रण पर दें ध्यान : प्रो. पीयूष रंजन

नई दिल्ली। किसी भी राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था में एक कुशल लीडर की मांग सबसे अधिक होती है। लीडरशिप स्किल का तात्पर्य सिर्फ राजनीति से ही नहीं है बल्कि बिजनेस, व्यापार, नौकरी और इंडस्ट्रीज के क्षेत्र में भी उतना ही है। एसोसिएशन ऑफ लीडर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (एली) के डायरेक्टर जनरल प्रो. पीयूष रंजन का कहना है कि एक अच्छी लीडरशिप स्किल की बदौलत ही कोई सफल लीडर या कारोबारी बन सकता है। किसी भी क्षेत्र में अपना एक विशेष पहचान बनाने के लिए उचित प्रबंधन का होना बहुत आवश्यक है। एक सफल नेता या कारोबारी उचित प्रबंधन को ही केंद्र में रखकर अपने बुनियादी कौशल पर ध्यान देता है। आम इंसान को लीडर बनने के लिए सबसे पहले अपनी सोच को लीडर की सोच की तरह डेवलप करना पड़ता है। इसके लिए प्रबंधन, प्रदर्शन, प्रेरित और प्रेरणा सबसे अहम फैक्टर है।

प्रबंधन पर फोकस करते हुए प्रो. रंजन कहते हैं कि अपनी विशेष पहचान बनाने के लिए उचित प्रबंधन का होना बहुत आवश्यक है। एक सफल नेता या कारोबारी उचित प्रबंधन को ही केंद्र में रखकर अपने बुनियादी कौशल पर ध्यान देता है और यदि आप प्रबंधन के साथ आपने नेतृत्व कौशल को विकसित करने की सोच रहे है तो आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी को अच्छा लीडर बनने के लिए बुनियादी प्रबंधन कौशल को सबसे पहले विकसित करने की जरूरत है। जिसमें कार्य योजना, आयोजन, निर्देशन और नियंत्रण जैसे आयाम पर फोकस करना जरूरी है। एक सफल नेता या कारोबारी की सबसे बड़ी क्षमता उनकी व्याख्या करने की शैली है और इसके लिए आपके अंदर दूसरों को प्रेरित करने की कला का भी होना आवश्क है। ऐसा करने से आप अपनी टीम या आपसे जुड़े हर उस शख्स को प्रभावी ढ़ंग से अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अपनी प्रबंधन कला के आधार पर ही एक टीम लीडर अपनी टीम के कार्यों को नियमित रूप से समीक्षा करता है। बदलते वैश्विक, सामाजिक, विविध और बहु-सांस्कृतिक वातावरण में अपनी अलग पहचान बनाना एक बड़ी चुनौती है और इसके लिए उचित नए कौशल के साथ ही प्रबंधन दक्षता का होना अति आवश्यक है।

 

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