संत नगर में जोरों पर हो रहा है अवैध निर्माण

नियमों की जानबूझकर की जा रही है अनदेखी, एनजीटी के निर्देशों का भी नहीं हो रहा है पालन।

संध्या कुमारी

नई दिल्ली। बुराड़ी इलाके के संत नगर वार्ड में इन दिनों ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के दिशा निर्देशों के साथ अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हैरानी की बात यह है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइंस जोन के तहत आने वाले इस वार्ड में दिन रात चल रहे अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि इसी जोन के मुखर्जी नगर जैसे वार्ड में भवन निर्माण के मानकों के उल्लंघन को लेकर लगातार सी¨लग की कार्रवाई की जा रही है। जाहिर है कि नगर निगम के अधिकारी दोहरा रवैया अपना रहे हैं और अवैध निर्माण में लगे बिल्डरों व भूमाफिया का प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचा रहे हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट समेत एनजीटी ने सभी प्रकार के अवैध निर्माण पर रोक लगा रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए एक नियंत्रण (मॉनिट¨रग) कमेटी भी गठित की है। यही कमेटी इन दिनों लगातार सी¨लग की कार्रवाई कर रही है।
लेकिन इस कमेटी की नजर अब तब अनधिकृत कालोनियों की तरफ नहीं उठी है। जिसका फायदा बिल्डर उठा कर छोटे छोटे प्लाटों पर बहुमंजिली इमारतों का निर्माण तेजी से कराने में लगे हैं। संत नगर वार्ड के चंदन विहार में इन दिनों कई जगहों पर बिल्डर बहुमंजिली इमारतों में फ्लैटों का निर्माण करा उन्हें बेच रहे हैं। आलम यह है कि 20 से 25 गज के प्लाट पर पांच मंजिली इमारतें खड़ी कर दी गई हैं। वार्ड के हरित विहार, प्रगति एंक्लेव, हिमगिरी, संत नगर ए-2 ब्लाक समेत कई जगहों पर इन दिनों धड़ल्ले से अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं। लेकिन इन पर रोक लगाने में नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को कोई दिलचस्पी नहीं है।
एनजीटी ने प्रदूषण को लेकर निर्माण कार्य के दौरान कई मानदंड तय कर रखे हैं। जिनमें निर्माण के दौरान बनाई जाने वाले भवनों को तिरपाल से ढ़कने, भवन निर्माण सामग्रियों को सड़क पर खुले में नहीं छोड़ने , निर्माण के क्रम में उड़ने वाली धूल मिट्टी पर रोक के पुख्ता उपाय करने के निर्देश हैं। लेकिन संत नगर वार्ड में बिल्डर इन मानदंडों को ताक कर रख दिया है और इन मानदंडों का पालने करने वाली सरकारी एजेंसियां भी आंखें बंद किए बैठी हैं। ऐसे में इलाके में बढ़ते प्रदूषण के कारण बुजुर्गों व बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बोलने से बच रहे हैं अधिकारी

इस वार्ड में नगर निगम के भवन विभाग के एई सुरेश दुआ व जेई के रूप में आशीष कुमार तैनात हैं। एई व जेई दोनों अधिकारियों से यह जानने की कोशिश की गई कि उन्होंने अब तक कितने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन दोनों के मोबाइल नंबरों पर कई बार कॉल करने के बाद भी उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई। अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के सीधे तौर पर इन्हीं दोनों अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

 

 

 

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