एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी का जैविक और रासायनिक हथियारों के उन्मूलन पर 4 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

नई दिल्ली। शिक्षण संस्थानों में से एक MIT World Peace University ने जैविक और रासायनिक हथियारों के उन्मूलन जैसे ज्वलंत मुद्दे पर 4 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्च्यूअल कांफ्रेंस के उद्घाटन की घोषणा की है।  विश्व शांति में सहायता करने की पहल में विश्वास करने वाले, MIT World Peace University ने सतर्कता पूर्ण रूप से इस सम्मेलन के माध्यम से जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है। सम्मेलन का उद्देश्य ऐसे हथियारों के अनुसंधान और विकास पर अंकुश लगाने के लिए एक कानूनी पहल की स्थापना कर जैव युद्ध के खतरे को समाप्त करने के लिए सभी देशों को एक साथ लाना है।
अगर प्रासंगिक रूप से बात करें तो, वर्तमान समय में जहां वैश्विक महामारी कोविड ने अपने गंभीर प्रभावों से दुनिया को हिला कर रख दिया है वहीं उन्नत चिकित्सा तकनीक के बावजूद देशों के लिए खतरा बना हुआ है। वायरस की उत्पत्ति को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगायी जा रहीं हैं, कुछ इसे जैविक युद्ध की चेतावनी का दावा कर रहे हैं। बायोलॉजिकल वेपन कन्वेंशन और रासायनिक शस्त्र निषेध संगठन, ये दो ऐसे महत्वपूर्ण निकाय हैं, जिन्हें सामूहिक विनाश करने वाले हथियारों से छुटकारा दिलाने का काम सौंपा जाता है, दुर्भाग्य से इनके पास किसी भी निर्णय को रद्द करने का अधिकार नहीं है।
इस चार दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात दिग्गज जैव युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने,अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के के साथ संयुक्त रूप से एक कानूनी ढांचा बनाने की दिशा में योगदान देंगे। इसमें शामिल होनेवाले प्रमुख लोगों में यूनेस्को के चेयर होल्डर प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड – संस्थापक अध्यक्ष, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, संस्थापक कार्यकारी अध्यक्ष, डब्ल्यूपीसी, मईर्स एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, माननीय न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन –भारत के पूर्व फ जस्टिस, पूर्व चेयरपर्सन, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), माननीय डॉ. राजेंद्र सिंह –जाने-माने जल संरक्षक (भारत के वाटरमैन) और अध्यक्ष, तरुण भारत संघ, माननीय जीवीवी सर्मा, आईएएस,सदस्य सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार, माननीय डॉ. ए. वेलुमणि – संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और पूर्व वैज्ञानिक, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), संस्थापक और प्रबंध निदेशक, न्यूक्लियर हेल्थकेयर लिमिटेड (एनएचएल), माननीय आरिफ मोहम्मद खान – केरल के राज्यपाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री, ऊर्जा और नागरिक उड्डयन, भारत सरकार, माननीय प्रोफेसर डॉ. अतनु बसु – निदेशक ग्रेड वैज्ञानिक जी, आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार और सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी आदि हैं। सम्मेलन में जैव-रसायन युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए विविध मैराथन सत्रशामिल होंगे।
उद्घाटन समारोह के दौरान, एमएईईआर समूह के उपाध्यक्ष, एमआईटी, डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष, बीसीएस, एमआईटीएसओजी, एनटीसी, एनडब्ल्यूपी, सरपंच संसद के संस्थापक राहुल वी कराड ने कहा कि मानव सुरक्षा को विकसित करने और सामंजस्य माहौल में काम करने के लिए सभी राष्ट्रों को एक वैश्विक आवाज बनने की जरूरत है। इस सम्मेलन के माध्यम से हमारा एजेंडा जैव / रासायनिक – हथियारों के उन्मूलन के लिए एक तंत्र विकसित करने और जैव-रसायन युद्ध के अनुसंधान और विकास के प्रतिबंध के लिए एक कानूनी प्रावधान स्थापित करने के लिए सभी राष्ट्रों को एक छत के नीचे लाना है।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, एमआईटी-जब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. एन टी राव ने कहा कि अलग-अलग बौद्धिक प्रतिभा वाले लोग इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र से रासायनिक और जैविक हथियारों के कारण उत्पन्न होने वाले इस खतरे को समाप्त करने की अपील करने के लिए एक साथ आए हैं। एमआईटी-डब्ल्यूपीयू में, विश्व शांति में विश्वास करने वाले सामूहिक रूप से अपना पक्ष रखने औऱ विचार-विमर्श के बाद एक निष्कर्ष पर आते हैं और दुनिया की भलाई के लिए प्रस्ताव पारित करते हैं।
इस अवसर पर एमआईटी-डब्ल्यूपीयू के सेंटर फॉर इंडस्ट्री – एकेडेमिया पार्टनरशिस, के सीईओ प्रवीण वी पाटिलने कहा, “लोगों से मिले समर्थन और प्रतिक्रिया को देखकर हम वास्तव में अभिभूत हैं, अब तक दुनिया भर से हमारे पास 5000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित करने में खुशी हो रही है, क्योंकि यह एक ऐसा मंच है, जहां वैश्विक प्रवक्ताजैव युद्ध के गंभीरता पर चर्चा करने के लिए एक साथ जुट रहे हैं।
इस सम्मेलन के माध्यम से ऐसे जैव-खतरों,जिसकी मानव जाति की सुरक्षा के संदेश को मजबूत करने के नाते निंदा की जानी चाहिए,के प्रति विश्व स्तर पर युवाओं को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। सम्मेलन में भविष्य की तैयारियों के मुद्दे को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि हम इस तरह की वैश्विक प्रतिकूलताओं के खिलाफ खुद को सुरक्षित कर सकें।

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