चीन को भारतीय जवानों ने दिया माकूल जवाब

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के असाफिला इलाके में अभी भारत और चीन के बीच गतिरोध ख़त्म नहीं हुआ है कि चीन ने एक बार फिर अपनी नापाक हरकत का उदाहरण पेश किया है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से चीन ने लद्दाख के पैंगोंग इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। इस बात की जानकारी तिब्बती सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के उस रिपोर्ट से मिली है जो उन्होंने गृह मंत्रालय को भेजी है। सीमा पर तैनात आईटीबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी पैंगोंग झील के पास चीनी सेना पिछले कुछ महीनों में कई बार घुसपैठ कर चुकी है। बीते 28 फरवरी, 7 मार्च और 12 मार्च 2018 को चीनी सेना ने गाड़ियों के जरिये इस क्षेत्र में करीब 6 किलोमीटर तक भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे। हालांकि हर बार भारतीय जवानों की मुस्तैदी की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा।
चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश ऐसे समय में की है जब भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के अतिसंदेवंशील असाफिला इलाके में गतिरोध जारी है। बीते महीने यहां चीन ने सेना की मौजूदगी पर कड़ा विरोध जताया था। हालांकि, भारत ने चीन द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को निराधार बताया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीनी पक्ष ने 15 मार्च को सीमा कर्मियों की बैठक (बीपीएम) में यह मुद्दा उठाया लेकिन भारतीय सेना ने इसे खारिज करते हुए कहा कि अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी क्षेत्र का इलाका भारत का है और वह वहां नियमित गश्त करता रहा है। सूत्रों ने बताया कि चीनी पक्ष ने इलाके में भारतीय गश्त को ‘अतिक्रमण’ बताया जबकि भारतीय सेना ने इस शब्दावली पर आपत्ति प्रकट की। एक सूत्र ने बताया कि असाफिला में हमारी गश्त पर चीन की ओर से विरोध हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि अतीत में इलाके में चीनी घुसपैठ की कई घटनाएं हुयीं, जिन्हें भारतीय पक्ष ने गंभीरता से उठाया। आपको बता दें कि पिछले साल ही सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण के भारत की आपत्ति के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक सैन्य गतिरोध चला था। इस इलाके को भूटान अपना बताता है। हालांकि चीन की लगातार बयानबाजी और भारत के शांतिपूर्ण कोशिशों के बाद मामला सुलझा।

 

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