क्षेत्र के समुद्री वातावरण का शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित होना जरूरी : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएनएस मांडोवी, गोवा स्थित तरंग ऑडिटोरियम में गोवा सामुद्रिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य क्षेत्रीय सामुद्रिक चुनौतियों का मुकाबला करना था। इस दौरान हिन्द महासागर में सामुद्रिक खतरों, सामुद्रिक सुरक्षा उपायों और चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों और विद्वानों ने अपनी बात रखी। प्रमुख वाक्ताओं में भारत के एडमिरल अरूण प्रकाश (सेवानिवृत्त), श्रीलंका के एडमिरल डॉ. जयंत कोलंबेज (सेवानिवृत्त), बांग्लादेश के एडमिरल मोहम्मद खुर्शीद आलाम, प्रो. एशले जे. टेलिस, डॉ. सी. राजामोहन, प्रो. हर्ष वी. पंत और डॉ. क्रिश्चियन बोयेगर शामिल थे।
रक्षा मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य मित्र राष्ट्रों के साथ मिलकर सामुद्रिक क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करना है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सीमा विवाद वास्तव में औपनिवेशिक युग की देन है। इसके कारण अंतर्राष्ट्रीय संबंध में गतिरोध पैदा होता है। सामुद्रिक स्तर पर भी इसका प्रभाव पड़ता है, जिसे बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। अपने उद्घाटन भाषण में भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने माननीय रक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नौसेना बल को आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस करना आवश्यक है ताकि हिन्द महासागर की चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके।

 

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