नई दिल्ली। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पद की दौड़ भारतीय मूल के ऋषि सुनक की मजबूत दाबेदारी से एक बार फिर भारतवासियों का विश्व पटल पर प्रभुत्व सामने आया है । ऋषि सुनक के माता पिता केन्या के नागरिक थे जोकि मुलत भारत से जा कर केन्या बस गए थे। यही वजह है कि ऋषि सुनक को भारतवासी माना जा सकता है। भारतवासियों के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होना महज इंग्लैंड तक ही सीमित नहीं है बल्कि पिछले कुछ सालों के दौरान विश्व के 15 देशों में 200 भारतवासी अपनी मेहनत और समर्पण की वजह से राजनीती, समाज सेवा आदि अनेक क्षेत्रों में ऊँचे प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया है। भारत मूल की लिसा सिंह पहली अप्रबासी महिला थी जोकि ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया प्रान्त में सीनेटर चुनी गयी उसके पूर्बज पश्चिम बंगाल से चीनी के फार्म में नौकरी के लिए फिजी आए थे। लिसा सिंह वर्तमान में मेलबोर्न आधारित ऑस्ट्रेलिया –इंडिया इंस्टिट्यूट में निदेशक हैं। लिसा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया —भारत -जापान -अमेरिका के बीच सामरिक महत्वों के बिषयों पर इंडो –पैसिफ़िक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गठित ष्क्वाडष् (फन्।क् ) में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
भारतीय मूल के परवीन जमनादास गोरधन दक्षिण अफ्रीका में कैबिनेट मन्त्री के पद पर रहे। वह बर्ष 2009 से बर्ष2014 तक देश के बित मन्त्री , बर्ष 2015 से बर्ष 2017 तक देश के सहकारिता मन्त्री तथा फरबरी 2018 से पब्लिक एंटरप्राइज के मन्त्री हैं । लेखक नीतिन मेहता लंदन में आधारित इंडियन वेजीटेरियन सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष हैं और पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक हैं।
भारतीय मूल के सर आनन्द सत्यानन्द बर्ष 2006 से बर्ष 2011 तक न्यूज़ीलैंड के 19 बें गवर्नर —जनरल रहे। उन्होंने एक सफल बकील , जज और लोकपाल की भूमिका भी अदा की। उनके पूवर्ज 1911 में गन्ने की खेती के लिए फिजी आये जहां से बह न्यूज़ीलैंड चले गए। सर आनन्द सत्यानन्द का कहना है की भारतबंसी लगभग दो सौ साल पहले न्यूज़ीलैंड आये थे लेकिन बह अब तक भी दो सौ साल से अपने साथ लाई भारतीय सांस्कृति और परम्पराओं को सहेज कर रखे हैं। समृद्ध देश कनाडा में अनेक भारतियों ने सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों में ऊँची छलांग लगाई है जिसमें से भारतीय मूल की राजनेता अनीता आनन्द राष्ट्रीय रक्षा मन्त्री के पद पर आसीन हुई। फिजी की 38: जनसंख्या भारत मूल की है जोकि ब्रिटिश काल में चीनी मीलों में मुख्यता नौकरी करने के मकसद से फिजी पहुंचे थें। भारतीय मूल के महिंदर चौधरी अनेक प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित करने के बाद फिजी के पहले भारतीय मूल के प्रधान मन्त्री बन गए फिजी की राजनीती में भारत बंसियो की अच्छी पकड़ और धाक मानी जाती है।
गुयाना गणराज्य में 40 प्रतिशत जनसंख्या भारत मूल की है और देश के उप राष्ट्रपति भारत जगदेओ भारत बंसी हैं। उनके अलावा भी अनेक प्रवासी भारतीय गुयाना की राजनीति में ऊँचे पदों पर विराजमान हैं। त्रिनिदाद और टोबैगो की कुल जनसंख्या में 37 प्रतिशत भारतीय मूल की जनसंख्या है और कमला प्रसाद बिसेसर वर्ष 2010 से वर्ष 2015 तक देश .के प्रधानमंत्री रहे। सूरीनाम में भारत बंसियों की संख्या कुल जनसंख्या का लगभग 27 . 4 प्रतिशत है और बह देश में सबसे बड़ा नस्ली समूह है। भारतीय मूल के प्रताप राधकृष्ण देश के प्रधान मन्त्री और चान संतोखी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं ।
अनेक भारत बंसी मॉरिशस में प्रधान मन्त्री।