कमलेश भारतीय
अखबार भरे पड़े हैं इफ्तार पार्टियों के समाचारों से। रमजान के बाद ऐसी पार्टियां, रात्रिभोज सब इफ्तार के नाम दिए और किए जाते हैं। अच्छा है। गंगा जमुनी तहजीब को बल मिलता है । दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक इफ्तार पार्टी ने रफ्तार पकड़ ली है । दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तो चंडीगढ में सांसद किरण खेर और बिहार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी ही नहीं हमारे हिसार के सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला तक इस रफ्तार में शामिल हैं । कभी हमें भी बुलाओ यारो तो देखें यह इफ्तार की रफ्तार कैसे पकड़ती जा रही है ?
राहुल गांधी के रात्रिभोज में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी पहुंचे और राहुल के कंधे पर बोझ डाले दिखे । काश , पीठ भी थपथपा देते तो बात बन जाती । पर पीठ तो थपथपा आए आरएसएस के नये कार्यकतार्ओं की । तभी राहुल को भी याद आए दादा प्रणब ।
लालू यादव के बेटे की इफ्तार पार्टी में शत्रुघ्न सिन्हा पहुंचे । टोपी पहना दी लालू यादव के बेटों ने । कमाल है न ? लालू के बेटे भी सीख गये दूसरे के सिर टोपी पहनाना । वैसे टोपी तो पहनाने में सबसे अधिक महारत और जादू अरविंद केजरीवाल के हाथों में है । बंदे ने अपने ही गुरु को टोपी पहना दी । उसके बाद से अन्ना का कोई अनशन पूरा नहीं हुआ जबकि केजरीवाल जी ठाठ से सोफे पर बैठे अपने मंत्रियों के साथ मॉडर्न अनशन पर बैठे हैं । सारा देश देख रहा है । आईएएस अधिकारी कोई अनशन नहीं कर रहे । वे तो मुख्य सचिव की पिटाई पर सिर्फ दो शब्द माफी के सुनना चाहते हैं ।
कभी हमारे नेता सर्वजातीय पार्टी भी करेंगे ? छत्तीस बिरादरी की पार्टी करेंगे या अलग अलग पार्टियां ही जारी रहेंगी ? कोई व्यापारी, कोई दलित , कोई किसान तो कोई कर्मचारी सम्मेलन रख रहा हैं । छत्तीस बिरादरी कहां जाए ?
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।