मैड्रिड। ईए स्पोर्ट्स’ एफसी फ्यूचर्स द्वारा वैश्विक फुटबॉल समुदाय को बढ़ावा देने और वीमेंन्स फुटबॉल का निर्माण करने की एक पहल के अंतर्गत भारत की काजोल डिसूज़ा मैड्रिड में लालिगा एकेडमी से जुड़ेंगी। वह लालिगा मैथोडोलॉजी और इंटरनेशनल स्कूल के अंतर्गत एक फुल स्कॉलरशिप पर दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन युवा फुटबॉल कोचेज से सीखेंगी।
लालिगा स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट द्वारा मूल्यांकित इस प्रोग्राम का आयोजन ईएससी लालिगा एवं एनबीए सेंटर में किया जायेगा। इसमें 40 अलग-अलग देशों के 80 खिलाड़ी शिरकत करेंगे, जो पिछले साल के 24 देशों के 36 खिलाड़ियों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। काजोल ने टेक्निकल, टैक्टिकल, फिजिकल, साइकोलॉजिकल, स्पोर्टिंग और एकेडेमिक्स रिकॉर्ड्स जैसे क्षेत्रों के विश्लेषण वाली नामांकन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पास कर लिया है और 1 सितंबर 2023 से 30 जून 2024 तक मैड्रिड में पढ़ाई करेंगी।
यह प्रोग्राम खिलाड़ियों को देश भर के अलग-अलग स्पैनिश क्लबों के विरूद्ध मुकाबला करने और नॉन-फेडरेटेड राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेने का मौका देगा। पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के दौरान यह प्रोग्राम 30 घंटों का एक साप्ताहिक शैक्षणिक भार सुनिश्चित करेगा। इस प्रोग्राम के लिये चुने गये प्रतिभागियों को प्रशिक्षण, प्रतिस्पर्धा, स्कूल ट्यूशन, मेडिकल और एकोमोडेशन फीस के सभी पहलुओं सहित सर्वश्रेष्ठ साधन एवं अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे, ताकि वे व्यक्तिगत और पेशेवर प्रगति दोनों को ही हासिल करने में कामयाब हो पायें।
काजोल लालिगा फुटबॉल स्कूल्स (एलएलएफएस) की एक ट्रेनी हैं और साथ ही पुणे में एलएलएफएस सेंटर की एक सदस्य भी हैं। उन्होंने ऐतिहासिक फीफा अंडर -17 वूमेंस वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। लालिगा फुटबॉल स्कूल्स इनिशिएटिव को लालिगा और इंडिया ऑफ ट्रैक द्वारा 2018 में एक संयुक्त प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था। यह लालिगा मेथेडोलॉजी और खेल के तकनीकी ज्ञान के माध्यम से भारत में फुटबॉल के विकास में मदद करता है।
इस प्रोग्राम के लिये चुने जाने पर, काजोल डिसूजा ने कहा, “लालिगा द्वारा यह अवसर पाकर मैं बेहद खुश और आभारी हूं। स्पेन में लालिगा एकेडमी में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे और मेरे परिवार के लिये बेहद गर्व की बात है और इसके लिये मैं लालिगा फुटबॉल स्कूल्स फॉर फाउंडेशन की शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचने में सक्षम बनाया। मेरा लक्ष्य दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों से इस खेल की बारीकियों को सीखना और उसे अपने गेम में अपनाना तथा भारत में वूमेंस फुटबॉल की ओर लोगों का ज्यादा ध्यान आकर्षित करने में योगदान करना है।”
फ्रांसिस्को जेवियर हेरैन्डेज, लालिगा एकेडमी के प्रमुख ने कहा, “लालिगा एकेडमी प्रोग्राम्स की कामयाबी से हम बेहद संतुष्ट हैं। इस सीजन में प्रतिभागियों की संख्या दोगुनी होगी, क्योंकि पिछले साल के मुकाबले ज्यादा टीमें और ज्यादा खिलाड़ी इस बार भाग ले रहे हैं। इससे पता चलता है कि कई एथलीट्स इस प्रोग्राम को खेल एवं व्यक्तिगत विकास के लिये सर्वश्रेष्ठ अवसर के रूप में देखते हैं। वास्तव में पहले वूमेन्स सॉसर टीम को खोलने में सक्षम होना भी इस कार्यक्रम की एक उपलब्धि है। हमें उम्मीद है कि इससे दुनिया भर में महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।”
जुआन फ्लोरिट, लालिगा स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट्स के हेड ने आगे कहा, “लालिगा एकेडमी के सभी कोचों को एक विस्तृत और सख्त प्रक्रिया के माध्यम से खासतौर से इस प्रोजेक्ट के लिये चुना और प्रशिक्षित किया गया है। पहले दिन से ही चारों टीमों को लालिगा की विधि से प्रशिक्षित किया जायेगा, जिनके प्रमुख गाइडलाइंस और फंडामेंटल्स लालिगा ईए स्पोर्ट्स के वर्क मॉडल्स और लालिगा हाइरमोशन क्लब के अपने यूथ एकेडेमीज एवं प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानकों को दर्शाते हैं। खिलाड़ी का समग्र विकास, सुधार और प्रदर्शन का व्यक्तिगत अनुकूलन या खेल की संज्ञानात्मक क्षमता और समझ जैसे पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इसके साथ ही हर टीम को एक कोच, एक सहायक कोच, एक फिजिकल ट्रेनर, एक गोलकीपिंग कोच और एक एनालिस्ट द्वारा मार्गदर्शित किया जायेगा। इन सभी का एकमात्र लक्ष्य खिलाड़ियों को पिच पर, पिच से बाहर दोनों ही जगह अपने अधिकतम सामर्थ्य तक पहुंचने