नई दिल्ली। इंडीग्रिड, भारत के पहले पावर सेक्टर इनविट, ने 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाही और पहले वर्ष के लिए अपने परिणामों की घोषणा कर दी है। वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में समेकित राजस्व 1,480 मिलियन रुपये रहा और ईबीआइटीडीए 1,326 मिलियन रुपये दर्ज की गई। 31 मार्च 2018 को समाप्त 10 महीनों के लिए, समेकित राजस्व 4,476 मिलियन रुपये और ईबीआइटीडीए 4,155 मिलियन रुपये रही।
स्टरलाइट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लिमिटेड का निदेशक मंडल इंडीग्रिड का निवेश प्रबंधक है। इसने वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही के लिए यूनिटधारकों को पूरी तरह से ब्याज के तौर पर देय 3.00 रुपये प्रति यूनिट के वितरण की स्वीकृति दी है। वित्त वर्ष 2018 के 10 महीनों के लिए, कुल वितरण 9.56 रुपये प्रति यूनिट रहा है जिसने 9.20 रुपये प्रति यूनिट के गाइडेंस को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह कंपनी ने अपने परिचालन के पहले वर्ष में अपने यूनिटधारकों को 2,702 मिलियन रुपये का कुल वितरण किया है।
भारत की बिजली की मांग में विकास और 2027 तक रिन्यूएबल क्षमता में 275गीगावाट तक के विकास के लिए ट्रांसमिशन लाइंस में उल्लेखनीय निवेश की जरूरत होगी ताकि बिजली के शून्यीकरण से बचा जा सके। अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन नेटवर्क के टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के लिए खुलने से इस क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इंडीग्रिड द्वारा पावर ट्रांसमिशन एसेट्स को खरीदने पर किया जा रहा फोकस और स्टरलाइट पावर ग्रिड वेंचर्स लिमिटेड (“स्पॉन्सर”) के जबर्दस्त रिकॉर्ड के साथ, यह इस विशाल अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए तैयार है।
इंडीग्रिड टेक्नो इलेक्ट्रिक से वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही तक अपना पहला तृतीय पक्ष अधिग्रहण पूरा करने की राह पर है। इन हालिया अधिग्रहणों के साथ, वित्त वर्ष 2019 में वितरण गाइडेंस को 12.00 रुपये प्रति यूनिट किया गया है। पहले साल के वित्तीय परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये श्री प्रतीक अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इंडीग्रिड ने कहा, “हमने एक बार फिर सुदृढ़ त्रैमासिक प्रदर्शन दिया है और अपने वितरण गाइडेंस को ही पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही, हमने अपने पोर्टफोलियो को भी उल्लेखनीय रुप से बढ़ाया और निकट भविष्य में लक्षित 12 प्रतिशत पोर्टफोलियो आइआरआर हासिल करने की अपनी क्षमता को दिखाया। अपनी विकास रणनीति के अनुरूप, इंडीग्रिडपहले ही प्रायोजकों और तृतीय पक्षों दोनों से परिसंपत्ति अधिग्रण के अगले सेट पर विचार कर रहा है। अगले दशक में बिजली की मांग में अनुमानित विकास के लिए विशाल पावर ट्रांसमिशन ढांचे की जरूरत पड़ेगी जोकि इंडीग्रिड के लिए काफी मायने रखता है।”