नई दिल्ली। देश में लीवर ट्रांसप्लांट के लिए अपनी अहम भूमिका निभाने वाले संस्थान ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट ने अपने 15 साले पूरे होने साथ ही तीसरी रिपोर्ट का विमोचन किया। ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट देश में अब तक 1600 से ज्यादा लीवर ट्रांसप्लांट करवा चूका है, साथ ही इसकी सहायता से लगभग 115 डाक्टरों को भी जो की लीवर से जुडी समस्याओं का निदान करते है, उनको सफल प्रशिक्षण दिलाया है। वर्ष 2003 से लीवर से जुड़ी बीमारियों के निदान के लिए शुरू की गई यह मुहीम आज बहुत ही वृहत्त हो गई है। वर्तमान में ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट के अंतर्गत देश के लगभग 73 लीवर ट्रांसप्लांट सेंटर चल रहे हैं। जिसमें लोगों की हर संभव सहायता की जाती है। अपने 15 साले पूरे होने के उपलक्ष्य में ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट के संस्थापक प्रदीप वर्मन और देश के चिकित्सा क्षेत्र के चिर परिचित नाम समीरन नंदी ने संसथान की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसका विमोचन पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने किया।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर ने हुए इस आयोजन में देश विदेश के कई बड़े डाक्टर और हस्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट के संथापक प्रदीप वर्मन ने बताया कि हमें गर्व है की ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट ने अपने सफल 15 साल किए हैं। इस यात्रा के दौरान हमने लीवर के मरीजों के उत्थान के लिए अपना अधिक से अधिक देने का प्रयास किया है, जिसमें हमने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों के डॉक्टरों जिसमें केन्या, बांग्लादेश, नेपाल, सऊदी अरब, अमेरिका, नाइजीरिया, वेस्ट इंडीज, म्यांमार, फिजी, सिंगापुर, पकिस्तान प्रमुख है के डॉक्टरों को प्रशिक्षित भी किया है। हमारा लक्ष्य है कि हम लीवर की समस्याओं से जुड़े लोगों को उच्च स्तरीय निदान मुहैया करा सके।
विमोचन के अवसर पर अरुण शौरी ने कहा कि ज्ञान वर्मन लीवर यूनिट द्वारा किया जा रहा काम वास्तविक में कर्मा को परिभाषित करता है। संस्थान का उपक्रम न सिर्फ सराहनीय है अपितु देश के चिकित्सा के क्षेत्र में मजबूत भविष्य की नींव रख रहा है।