नई दिल्ली। भाजपा दिल्ली प्रदेश के वरिष्ठ नेता, वाईस चेयरमैन एनडीएमसी एवं पूर्व विधायक करण सिंह तंवर नेएक वक्तव्य में दिल्ली छावनी क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक सुरेन्द्र सिंह द्वारा 29 जनवरी को परिषद् की हुई बैठक में मिड-डे-मिल के मामले मेें हुए हंगामे को मार-पिटाई, लात-घूसे चलने व हाथापाई करने जैसी घटना करार देने को केवल मनगढ़ंत, बे-बुनियाद व निराधार बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की और साथ ही 18 वर्षों से लगातार केवल दो सप्लायर्स को ही बिना टेंडर किये मिड-डे-मिल का ठेका देने में हुए घोटाले की सी.बी.आई. से निष्पक्ष जाॅंच कराने की पुर्जोर मांग की है।
श्री तंवर ने मामले का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने 23 जनवरी को हुई परिषद् की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कर रहे थे तथा इस बैठक में सांसद व एनडीएमसी की सदस्या श्रीमती मीनाक्षी लेखी, श्रीमती अनीता आर्या, श्री ए.आर.अंसारी, श्री बी.एस.भार्टी व आम आदमी पार्टी के विधायक सुरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे, ये कहकर वाॅक आउट किया कि परिषद् की बैठक में जनहित व परिषद् कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दे न लाकर सिर्फ घोटालों को पास कराने के लिए ही मीटिंग की जाती है और आज भी काउंसिल की इस बैठक के एजेंडे में 5 बड़े घोटाले शामिल हैं। जिसपर मुख्यमंत्री केजरीवाल और अन्य सदस्यों ने एकमत होकर सर्वसम्मति से यह कहते हुए मीटिंग को स्थगित कर दिया कि अगली एनडीएमसी काउंसिल की बैठक 29 जनवरी को होगी और पहले श्री तॅंवर एजेंडा में शामिल उन पाॅंच घोटालों को उजागर करें तभी बाकी एजेंडा आईटम्स पर चर्चा की जाएगी। (काउंसिल मीटिंग के मिनट्स संलग्न है।
उन्होंने आगे बताया कि 29 जनवरी को परिषद् की बैठक ज्यों ही शुरू हुई उन्होंने सबसे पहले एनडीएमसी के लगभग 150 स्कूलों में बच्चों को दिये जा रहे मिड-डे-मिल में लगभग 2 करोड़ 70 लाख रूपये प्रति वर्ष ;2ण्7 ब्तण् चण्ंण्द्ध के ठेके में हो रही धांधलेबाजी व भयंकर भ्रष्टाचार का पर्दाफाष किया जिसके निम्न स्तर के ;ैनइेजंदकंतकद्ध खाने की षिकायत एनडीएमसी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों द्वारा लगातार की जा रही थी।
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इसे सुनकर आम आदमी पार्टी के दिल्ली कैंट से विधायक व श्री तॅंवर के प्रतिद्वंदी एनडीएमसी सदस्य श्री सुरेन्द्र सिंह ने भ्रष्टाचार के इस मामले में केवल कड़ी आपत्ति ही नहीं जताई बल्कि अभद्र व्यवहार भी किया तथा उसके साथ हमारी ही पार्टी का एक सदस्य भी उसी के सुर में सुर मिलाते हुए इतना उग्र हो गया कि वह अपना आपा तक खो बैठा और गाली-गलौच पर उतर आया। इसका मुझे बहुत दुःख हुआ कि हमारी ही पार्टी के सदस्य को आम आदमी पार्टी के विधायक का इस तरह से खुल्लम खुल्ला साथ नहीं देना चाहिए। बैठक में धमकी भी दी गई कि वह एनडीएमसी द्वारा प्रस्तावित दो सप्लायर्स- इस्काॅन रिलीफ फाउंडेषन व मनजीत कैटर्स का ठेका किसी भी कीमत पर निरस्त नहीं होने देंगे क्योंकि- ‘हम इन सप्लायर्स को भली भांति जानते हैं और सप्लायर्स द्वारा बच्चों को दिया जाने वाला खाना हमने उनकी किचन में जाकर चखा है, जो केवल स्वादिस्ट ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान में ऐसी बढ़िया क्वालिटी का खाना कहीं नहीं मिल सकता।’ लेकिन यहां प्रष्न यह उठता है कि क्या आम आदमी पार्टी के विधायक व एनडीएमसी सदस्य सप्लायर्स के किचन में जाने हेतु अधिकृत थे या वे किसी जाॅंच एजेंसी के सदस्य थे, जो वहां गये?