केरल टूरिज्म ने पर्यटन नीति 2017 पेश की

तिरूवनंतपुरम। केरल सरकार में सहयोग, पर्यटन और देवास्वोम के माननीय मंत्री श्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन ने केरल की नई पर्यटन नीति 2017 का अनावरण किया। इसमें युवा पर्यटकों, पेशेवरों, विद्यार्थियों और कलाकारों को राज्य के प्रति आकर्षित करने के लिये नये व्यक्तिपरक उत्पादों का निर्माण करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह नीति दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर्स की सक्रिय भागीदारी पर जोर देती है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य भर में रिस्पांसिबल टूरिज्म के मिशन को लागू करती है। केरल के पर्यटन विभाग ने पर्यटकों के लिये अच्छी गुणवत्ता की सेवा सुनिश्चित करने और पर्यटन क्षेत्र में खराब अभ्यासों को रोकने के लिये केरल पर्यटन विनियमन प्राधिकरण (केटीआरए) की स्थापना का प्रस्ताव दिया है। यह सर्वोच्च प्राधिकरण विभिन्न साझीदारों के कार्य पर निगरानी रखेगा। संभावित निवेशकों, विशेषकर प्रवासी भारतीयों के सहायता के लिये एक निवेश इकाई का गठन किया जाएगा।
केरल सरकार में सहयोग, पर्यटन और देवास्वोम के मंत्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन ने नई नीति के उद्देश्य के बारे में कहा, ‘‘राज्य के विभिन्न गंतव्यों में आधारभूत संरचना सुविधाओं में सुधार जरूरी है। नई नीति का लक्ष्य स्थानीय निकायों, जैसे अपशिष्ट प्रबंधन और सड़कों के पुनर्निर्माण के साथ मिलकर पर्यटन उद्योग के प्रमुख मुद्दों को संबोधित करना है। राज्य के पर्यटन में दुनिया भर के सभी कोनों से यात्रियों को आकर्षित करने के लिए अपार क्षमता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन के अनुसार, केरल टूरिज्म ने सभी क्षेत्रीय निकायों और प्राधिकरणों को केरल के सभी गंतव्यों में ग्रीन प्रोटोकाॅल लागू करने और उसका पालन करने का निर्देश दिया है।’’
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केरल पर्यटन ने विदेशों में अपने अभियान को मजबूत करने की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त, पर्यटन विभाग ने जदयुपारा पर्यटन परियोजना की तरह चयनित स्थानों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) द्वारा विकसित करने की योजना बनाई है। केरल पर्यटन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के बीच मानसून पर्यटन का प्रचार भी करेगा। आनुभविक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केरल पर्यटन पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का अनुभव करने का अवसर भी प्रदान करेगा। विपणन की नई रणनीतियों के साथ विभाग ने होमस्टे और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 1000 नये वगीकृत होमस्टे स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
विकास योजनाओं के बारे में केरल टूरिज्म के निदेशक एवं कन्नूर अंतर्राष्ट्रीय विमानतल के प्रबंध निदेशक, आईएएस श्री पी. बाला किरण ने कहा, ‘‘इस वर्ष ‘बाधा रहित केरल टूरिज्म’ को चरितार्थ करने के लक्ष्य के साथ केरल टूरिज्म ने दिव्यांगों, वृद्ध पर्यटकों और ट्रांसजेंडर्स के लिये सुगम और दोस्ताना स्थान बनाने के लिए नई आधारभूत संरचना विकास परियोजनाएं शुरू करने की योजना बनाई है।’’
टूरिज्म बोर्ड ने आयुर्वेद सेंटर्स, हाउसबोट और अन्य सेवाओं के लिए सख्त नियमों के साथ वर्गीकरण तंत्र में संशोधन करने की भी योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त, होटलों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवा की गुणवत्ता के आधार पर उनके लिए विशेष रेटिंग की भी पेशकश की गई है।
पर्यटन नीति के लक्ष्य के बारे में केरल सरकार में पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव डाॅ. वेणू वी. ने कहा, ‘‘राज्य के पर्यटन का विश्वभर में प्रचार करने के लिये पर्यटन विभाग केरल पर्यटन के लिये एक ब्रांड ऐम्बेसडर नियुक्त करना चाहता है। स्थानीय निकायों और लोगों की सक्रिय भागीदारी से हमेशा जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी गई है। नई नीति केरल टूरिज्म के इन दो मुख्य लक्ष्यों पर केन्द्रित होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा एकमात्र उद्देश्य वर्ष 2021 तक विदेशी पर्यटकों के आगमन को दोगुना करना और घरेलू पर्यटकों के आगमन में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना है।’’यही नहीं, टूरिज्म बोर्ड ने खुद को राज्य द्वारा आयोजित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे कि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आॅफ केरल, बुक फेस्टिवल और म्यूजिक फेस्टिवल से जुड़ने की योजना बनाई है। प्रमुख महोत्सवों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया जायेगा, साथ ही एक एडवांस फेस्टिवल कैलेंडर भी प्रकाशित किया जायेगा।

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