किसान मुक्ति यात्रा बीहटा होकर पटना पहुँची

जो किसानी करता है वह किसान है ,चाहे वह हल जोतने वाला किसान हो,खेतिहर मजदूर हो ,भूमिहीन हो ,बटाईदार हो ,वह किसान है।उन्होंने बटाई दारों को पहचान पत्र देने का समर्थन दिया।  20 नवंबर को हम अपनी संसद बिठाएंगे ,अपना कानून बनाएंगे ,उस बिल को हम संसद को भेजेंगे ,वहां बैठे 300 सांसद जो खुद को किसान या किसान का बेटा कहते है ,उनको खुद को साबित करना होगा ।

पटना। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की किसान मुक्ति यात्रा आरा से निकल कर किसान आंदोलन के प्रणेता सहजानंद जी के बीहटा आश्रम में समाधि पर पुष्पांजलि देकर, पटना होते हुए बेगुसराय पहुंची।किसान नेताओं ने राजधानी पटना में आयोजित किसान जनसभा के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए उन्हें कारपोरेट का एजेंट करार दिया। 97 वर्षीय वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता गणेश शंकर विद्यार्थी ने किसान नेता सहजानंद जी का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में जमीदारी प्रथा और ऋण मुक्ति का सवाल सबसे पहले उन्होंने उठाते हुए कहा था कि किसान मज़दूर जब मिलकर महातांडव करेंगी तब सरकारें हिलेगी ,आज किसानों को महा तांडव करने की जरूरत है।
अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पूर्व सांसद हनान मौला ने कहा कि इतिहास में पहली बार किसान खेतिहर मज़दूरों के बीच काम करने वाले 184 संगठनो ने मिलकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का निर्माण किया है,जिसके द्वारा 17 राज्यों में 10 हज़ार किलोमीटर की किसान मुक्ति यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सारी नीतियां कॉरपोरेट के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान भाग्य के कारण गरीब नहीं बल्कि सरकार की नीतियो के कारण है,इस बार हम 184 किसान संगठन आरपार के संघर्ष के लिए 20 नवंबर को दिल्ली में किसान मुक्ति संसद करेंगे ।
अखिल भारतीय किसान महासभा के पूर्व विधायक राजा राम सिंह ने कहा कि सरकार को बिहार में पैदा होने वाली सम्पूर्ण धान को 3200 रुपये प्रति क्विन्टल की दर पर खरीदना चाहिए ,खरीदी नहीं होने पर हम सम्पूर्ण बिहार में किसानों ,बटाई दारो और खेतिहर मज़दूरों का जबरजस्त आंदोलन छेड़ेंगे।उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने जितनी कम राशि कर्ज़ा माफी के नाम पर किसानों को दी है वह किसानों का अपमान है ,हम इस अपमान को भूलेंगे नही।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद यादव ने कहा कि पहली बार हरे और लाल झंडे एक साथ आये हैं।जो किसानी करता है वह किसान है ,चाहे वह हल जोतने वाला किसान हो,खेतिहर मजदूर हो ,भूमिहीन हो ,बटाईदार हो ,वह किसान है।उन्होंने बटाई दारों को पहचान पत्र देने का समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को हम अपनी संसद बिठाएंगे ,अपना कानून बनाएंगे ,उस बिल को हम संसद को भेजेंगे ,वहां बैठे 300 सांसद जो खुद को किसान या किसान का बेटा कहते है ,उनको खुद को साबित करना होगा । उन्होंने कहा किसान कर्ज़दार नहीं देश किसानों का कर्ज़दार है।उन्होंने सहजानंद सरस्वती और जे पी का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार परिवर्तन का सदा अगुआ रहा है ,किसान आंदोलन मेंभी रहेगा ।
जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि देश में किसानों ने 26 करोड़ टन अनाज का उत्पादन किया ,यानी अधिकतम उत्पादन कर देश को सौपा लेकिन देश में आज भी रोजाना 19 करोड़ 40 लाख नागरिक भूखें सोते हैं।भारत वैश्वविक भूख सूचकांक में 119 देशों में 100 वा स्थान पर है।सरकारे किसानी को नस्ट कर किसानों को कर्ज़दार बना कर आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है,किसानी नष्ट होने के चलते देश की 65 प्रतिशत किसानी से जुड़ी आबादी के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया है ,जिससे लगातार भुखमरी बढ़ना तय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच अब मधुर रिश्ते है ,इसलिए बिहार के किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़ा माफी और 70 लाख क्विंटल धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज लाना चाहिए ।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय सयोजक अविक शाहा ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।क्योंकि एन डी ए सरकार किसान विरोधी नीतियों , नोटबन्दी और जी एस टी के जरिए किसान मजदूर ,छोटे व्यापारी और युवाओं के आजीविका और भविष्य को नष्ट करने पर आमादा है। जिससे किसानो में भारी आक्रोश है,उसे गोली चालान से नही कुचला जा सकता। ए आई के के एम एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान ने कहा कंपनियों को मुनाफा देने के लिए किसानों को निचोड़ा जा रहा है।उन्होंने कहा कि हमने पहले भूमि अधिकार आंदोलन तैयार कर संघर्ष करके भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रोका ।इस बार भी हम जीतेंगे ,उन्होंने गाँव गाँव में संघर्ष समितियां बनाने की अपील की। अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के तेलंगाना से आये नेता चंद्रशेखर ने कहा कि देश का किसान आपातकाल से गुजर रहा है तथा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस आपातकाल के खिलाफ लड़ रही है। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रहलाद पाटिल ने कहा कि किसान को कमजोर करने वाली नीतियों के खिलाफ देश का युवा किसान जाग गया है ,हमने सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार को मजबूर कर 35 हज़ार करोड़ का पैकेज किसानो के लिए हासिल किया है। विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि बटाई दारों की हालत सबसे खराब है उनको पहचान पत्र जारी किया जाए ताकि उनको को भी शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल सके।
पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसान गुलामी,लूट से मुक्ति चाहते है। जागो किसान नोजवान मोर्चा के कल्लू सिंह ने कॉम .चतुरानंद मिश्र को याद करते हुए कहा कि उन्होंने फसल बीमा ,किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि को उद्योग का दर्जा देने के लिए आजीवन कार्य किया । किसान मजदूर विकास संगठन के नेता अनिल सिंह ने कहा कि सरकारें किसानों को ठग रही है।गांव वीरान हो रहे है ,किसानों को बचाने की जरूरत है। जन सभा को बिहार राज्य किसान सभा के सचिव अरुण कुमार ,अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मज़दूर सभा के गोपाल रविदास ,किसान सभा के प्रभुराज नारायण राय ,अग्रगामी किसांन सभा के टी एन आज़ाद ,किसान संघर्ष समिति के बैजनाथ सिंह,जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय में महेंद्र यादव,यात्रा में शामिल अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह गहलावत,राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा,पुरन महतो , जय किसान आंदोलन के बिमल कुमार बोस, समीर दास,स्वराज अभियान के कमलेन्द्र प्रताप सिंह,भारतीय किसान सभा के मनोज ने भी संबोधित किया । विधायक सुदामा प्रसाद ने मंच का संचालन किया तथा जन सभा की अध्यक्षता की।

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