बनाएं सपनों का किचन

जब हम अपना घर बनाते हैं तो उसे खूबसूरत और बेहतर बनाने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना नहीं चाहते। ऐसे तो घर का हर एक कोना हमारे लिए अहम होता है, मगर कुछ ऐसी जगहें होती हैं जिन्हे हम सबसे ज्यादा तवज्जो देते हैं और उसके इंटीरियर को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। घर का ऐसा ही एक खास हिस्सा होता है किचन। हम कह सकते हैं कि किचन घर का इंजन है जहां से घर की गाड़ी आगे बढ़ती है। अब इंजन जैसा होगा गाड़ी भी वैसी ही चलेगी। इसलिए इसकी देखभाल, रखरखाव और खूबसूरती सबसे ज्यादा जरूरी है।
आजकल किचन इंटीरियर में काफी सारे नए ट्रेंड्स देखे जा रहे हैं। मॉड्यूलर से लेकर वेस्टर्न डिजाइन बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसे तो किचन की लेआउटिंग प्रोफेशनल वर्क है फिर भी अगर हम चाहें तो अपना किचन खुद डिजाइन कर सकते हैं।
कैसे डिजाइन करें किचन लेआउट
किचन लेआउट डिजाइन करना सबसे प्रमुख और जटिल काम है। किचन के दूसरे डिजाइन एलिमेंट, लेआउट डिजाइन के आधार पर ही तय होते हैं। सबसे बेहतरीन लेआउट वो है जो कि किचन के रोजाना होने वाले इस्तेमाल पर आधारित होता है। कैबिनेट्स, एप्लायंसेस और वर्क एरिया के बेहतर इस्तेमाल का आधार लेआउट डिजाइन ही होता है। लेआउट डिजाइनिंग के लिए इन खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए
सबसे पहले बेसिक फ्लोर प्लान बना लीजिए। किचन लेआउट को मुख्य रूप से इन श्रेणियों में बांटा जा सकता है
: एक दिवार वाली किचन ( वन वॉल किचन) — इसमें एप्लायंसेस और कैबिनेट एक दिवार में एक साथ होते हैं
: गैली किचन ( कॉरिडोर किचन) — यहां एप्लायंसेस और कैबिनेट आमने—सामने की दो दिवारों पर होते हैं
: रु शैप्ड किचन— वॉल कैबिनेट्स और एप्लायंसेस एल आकार बनाती हैं
: शैप्ड किचन— यहां पर वॉल कैबिनेट्स और एप्लायंसेस यू आकार बनाती हैं
: आईलैंड किचन— यहां एक रु या शैप्ड किचन में एक आइलैंड होता है। आईलैंड किचन के बीचों—बीच एक स्टैंड या टेबिल होता है जो कि दूसरे कैबिनेट्स से जुड़ा हुआ नहीं होता।
: पेनिनसुला किचन— इस आकार के लेआउट में वर्कस्पेस एक दिवार से जुड़ा होता है और एक दूसरा वर्कस्पेस इससे समानांतर चलते हुए मुक्त खड़ा होता है।
. अब अगला काम है वर्क ट्रायंगल को डिजाइन करना। १९५० में हुए एक रिसर्च के मुताबिक किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वर्क एरिया सिंक, स्टोव या चुल्हा और फ्रिज है। वर्क ट्रायंगल का कॉन्सेप्ट इन वर्क एरियास के बीच काम के प्रवाह के अनुकूलन से जुड़ा हुआ है। एक बेहतर डिजाइन वह है जिसमें इनके बीच की दूरी ना तो बहुत कम हो और ना ज्यादा। एक व्यवहारिक किचन में यह दूरी २२ फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
. अब आप को तय करना है कि कितना प्रिपरेशन एरिया चाहिए। अगर कई कुक्स किचन में एक साथ काम करेंगे तो आपका किचन इतना बड़ा होना चाहिए जिसमें दो सिंक लग सके। साथ ही चॉपिंग और डाइसिंग के लिए भी पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
क्या आपको किचन में खाना बनाने के अलावा और कुछ करना है ? आजकल घर का सबसे व्यस्ततम हिस्सा किचन बन गया है। खाना बानाने के अलावा क्या आपको किचन में एक अलग से पैन्ट्री (भंडारघर) भी चाहिए? क्या आप किचन में टीवी देखने के लिए एक जगह भी बनाना चाहती हैं?
. डिजाइन लेआउट को एक ग्राफ पेपर में बना लीजिए। सुनिश्चित कर लीजिए कि कैबिनेट्स और एप्लायंसेस के मेजरमेंट्स मैनुफैक्चरर्स सेपेसिमेन के बराबर ही हों। इससे बाद के तोड़—फोड़ से बचा जा सकता है। किचन डिजाइन सॉफ्टवेयर की भी आप मदद ले सकती हैं। इन सॉफ्वेयर्स से आप अपनी सोच को मूर्त रूप दे सकती हैं।
. अगर आप चाहें तो अनौपचारिक भोजन या स्नैकिंग के लिए किचन में इटिंग स्पेस बना सकती हैं। कई किचंस में टेबिल चेयर या बार काउंटर लगाए जाते हैं। किचन का लॉकेशन ऐसा होना चाहिए जिससे की आप डाइनिंग रूम तक आसानी से पहुंच सकें। किचन से घर का लगभग हर हिस्सा दिखना चाहिए।
. वस्तुओं के उपयोग किए जाने की जगह के पास पर्याप्त स्टोरेज देना चाहिए। पॉट्स और पैन्स को कुकिंग एरिया के पास रखिए, स्टोरेज कन्टेनर को सिंक के पास रखिए, जिससे बर्तन धुलने के बाद रखने में आसानी हो। छोटे एप्लायंसेस जैसे मिक्सर या टोस्टर रखने के लिए एक फिक्स जगह बनानी चाहिए।
मॉडर्न कैबिनेट डिजाइनिंग
किचन एरिया में कैबिनेट एक एैसी जगह है जिसे कुछ वर्षों के दौरान अपग्रेड करने की जरूरत पड़ती है। मॉडर्न कैबिनेट, जिसे हाईब्रिड कैबिनेट भी कहते हैं, में कॉन्ट्रास्टिंग कलर्स और स्टाइल दोनों का इस्तेमाल होता है। जिस कैबिनेट को आप स्लैक्ट करें उसका स्टाइल, पैटर्न और कलर आपके पूरे घर के आर्किटेक्चर के साथ मेल खाना चाहिए। कैबिनेट डिजाइनिंग में आपको इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए
. खिड़की, दरवाजों और चौखट को शामिल करते हुए किचन स्पेस को स्केच कर लीजिए। ग्राफ पेपर में फ्लोर लेआउट और सभी वॉल एरिया के लेआउट को बना लीजिए। किचन सिंक एरिया से कैबिनेट डिजाइन करना शुरू कीजिए। इस कैबिनेट में धुले हुए बर्तन रखे जाएंगे। मॉडर्न लुक देने के लिए कैबिनेट के फ्रंट को सपाट और नॉब (घुंडी) को चिकना रखिए।
. हाईब्रिड इफैक्ट देने के लिए अगर आप चाहे तो कैबिनेट डिजाइन को दो रंगों या फिनिशिंग में रख सकते हैं। ये रंग एक दूसरे के पूरक होने चाहिए। उदाहरण के लिए डार्क चेरी कैबिनेट के साथ आप लाइट ओक कैबिनेट लगा सकते हैं। हाईब्रिड लुक के लिए आप स्टेनलेस स्टील मेटल कैबिनेट को वुडन कैबिनेट के साथ मिक्स कर सकते हैं।
. चूंकि आपको खाना बनाने के समय सिंक या डिशवॉशर, फ्रिज और गैस स्टोव का तालमेल बिठाना पड़ता है इसलिए कैबिनेट्स को एप्लायंसेस के पास ही प्लान करना चाहिए। उदाहरण के लिए सिंक के उपरी दिवार के लेफ्ट में तीन कैबिनेट्स और राइट में तीन कैबिनेट्स लगाना अच्छा होता है। कई संकरे कैबिनेट्स की जगह चौड़े और कम संख्या में कैबिनेट्स ज्यादा बेहतर होते हैं।
. कलरिंग का भी एक खासा प्रभाव डिजाइनिंग और लुक पर पड़ता है। आपका डिजाइनिंग कितना मॉडर्न है इसका फैसला कैबिनेट्स, फ्लोरिंग और एप्लायंसेस के रंगों के आपस के ब्लेंड या मिश्रण पर निर्भर करता है। कोशिश कीजिए कि दरवाजों, ड्रॉर्स और कैबिनेट में लगे मैटेलिक हार्डवेयर एप्लायंसेस के मेटल से मैच करे। किचन को हाईटेक लुक देने के लिए स्टेनलेस स्टील के लंबे ड्रॉर पुल्स और कैबिनेट डोर हैन्ड्लस लगाएं।
. कैबिनेट को ऐसे डिजाइन कीजिए की वह सिलिंग तक पहुंच जाए। अगर कोई गैप रह जाता है तो उसे मेटल या वुड से भर दीजिए। कैबिनेट के मॉडर्न लुक को बढ़ाने के लिए काउंटर टॉप्स में चिकना टाईल वर्क या ग्रेनाइट लगाया जा सकता है। सिंक में मॉडर्न स्टाइल की टोटी लगाना चाहिए। ध्यान रखिए कि बहुत बोल्ड पैटर्न या डिजाइन के टाइल वर्क, फ्लोरिंग या वॉलपेपर, या आउटडेटेड डिजाइन आपके लेटेस्ट कैबिनेट को पुराना लुक दे सकते हैं।
ऋषि आचार्य

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