नई दिल्ली। कृषि में उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष शोध के लिए मोजेक इंडिया फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष का पुरस्कार डॉ. अबीर डे, डॉ. प्रताप भट्टाचार्य, डॉ. वी. के. सिंह को दिया गया। यह पुरस्कार गुरूग्राम स्थित सहगल फाउंडेशन ऑडिटोरियम में मोजेक इंडिया और सहगल फाउंडेशन द्वारा संचालित कृषि ज्योति परियोजना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किये गये। इससे पहले यह पुरस्कार एक शोधार्थी उसके विशेष शोध के लिए दिया जाता था लेकिन इस बार तीन पुरस्कार तीन कृषि शोधार्थियों को उनके विशेष शोध और कृषि में विशेष योगदान के लिए दिये गये हैं।
हरियणा के नूंह और राजस्थान के अलवर जिले के 60 से अधिक गांवों में मोजेक इंडिया और सहगल फाउंडेशन पायलट परियोजना के तहत कृषि ज्योति परियोजना चल रही है जिससे अब तक करीब 46000 हजार किसानों को लाभ हुआ है और सरकारी स्कूलों के करीब 5000 स्कूली बच्चों को स्कूलों का नवीनीकरण होने से लाभ पहुंचा है। इससे गांवों और सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। इस अवसर पर मोजेक इंडिया के उपाध्यक्ष कैविन किम ने कृषि ज्योति परियोजना के अगले 10 वर्ष तक जारी रखने की तथा इसका विस्तार करने की घोषणा की ताकि अधिक से अधिक गांवों के किसानों एवं स्कूलों को इसका लाभ मिल सके।
समारोह में पदम भूषण डॉ. आर. बी. सिंह, चांसलर, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय और अध्यक्ष नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस विशेष अतिथि को रूप में उपस्थित हुए तथा कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, किसानों और स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर सहगल फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. सूरी सहगल ने कहाकि हम सब साथ मिलकर गांवों का विकास कर सकते है। हमारा उद्देश्य है कि हमारे गाँव सशक्त हो, विकास करे और आत्मनिर्भर बने। कार्यक्रम में मोजेक इंडिया प्रा. लि. के अध्यक्ष एवं सीईओ जॉक, उपाध्यक्ष केविन किम, श्रीमती कॉरिन रेकॉर्ड, प्रबंध निदेशक रोबिन एडविन और कंट्री अग्रोनोमिस्ट शशि कान्त भेंडे के साथ ही सहगल फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री जय सहगल और सीईओ अजय पांडेय भी शामिल हुए।
पुरस्कार में डेढ लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र, स्वर्ण पदक और ब्लेजर दिया गया।