नई दिल्ली। लाभ के पद पर होने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है। इस मामले पर राष्ट्रपति आज अंतिम फैसला ले सकते हैं। विधायकों की सदस्यता जाने को लेकर कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि अगर उन्होंने मेरी बात पहले मान ली होती तो आज पार्टी को ये दिन नही देखना पड़ता। विश्वास ने कहा कि उन लोगों ने बहुत मेहनत से चुनाव जीतकर ये पद हासिल किया था। उन्होंने आगें कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्त के लिए मैंने केजरीवाल को स्पष्ट तौर पर मना किया था। उन्होंने आप विधायको की सदस्यता जाने को लेकर दुख व्यक्त किया है।
कुछ दिनों पहले राज्यसभा भेजे जाने को लेकर भी आप पार्टी में अंदरुनी कलह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। कुमार विश्वास राज्यसभा न भेजे जाने को लेकर केजरीवाल से नाराज चल रहे थे। ऐसे में अब 20 आप विधायकों की सदस्यता जानें को लेकर पार्टी में अंदरुनी कलह की सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। मामले के चलते विश्वास केजरीवाल व उनके खास सहयोगियों पर पहले ही गंभीर आरोप लगा चुके हैं। विवादों के चलते केजरीवाल व उनकी पार्टी की छवि को भारी नुकसान हो रहा है। आप पार्टी की तरफ से विश्वास के बयान को लेकर कोई अधिकारिक जवाब अभी तक नहीं आया है।
लाभ के पद मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित करने की सिफारिश राष्ट्रपति महोदय से की है। अब सबकी नजरें राष्ट्रपति पर हैं, जो इस मामले पर अंतिम मुहर लगाएंगे। अगर राष्ट्रपति आप के विधायकों के विरुद्ध फैसला देते हैं, तो केजरीवाल के विधायकों की संख्या 66 से 46 रह जाएगी।
राष्ट्रपति के फैसले पर विपक्ष ने पैनी नजरें गड़ा रखी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली विधानसभा उपचुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। भाजपा भी उपचुनाव को लेकर उत्साहित है। उनका मानना है कि जिस तरह से आप सरकार ने दिल्लीवासियों से वादाखिलाफी की है उससे लोगों में भारी रोष है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। इसका लाभ उसे उपचुनाव में मिलेगा।