क्या सही है कम उम्र में इंटर्नशिप की नींव रखना?

नई दिल्ली। विगत वर्षों में यह देखने में आया है कि एम्प्लॉयमेंट के अधिकतम अवसरों की निर्भरता कहीं न कहीं हाई एजुकेशन और नॉलेज की ओर बढ़ी है। इस प्रकार, ग्रेजुएट्स की संख्या में वृद्धि के साथ ही कॉम्पिटिशन ने भी रफ्तार पकड़ी है। छात्रों के लिए यह जानना बेहद जरुरी हो गया है कि वे जॉब संबंधी स्किल्स में कैसे सुधार करें। तथ्य यह है कि ग्रेजुएशन के दौरान या इसके बाद छात्रों को इंटर्नशिप आदि का हिस्सा बनते देखा जाता है। लेकिन मौजूदा समय के कॉम्पिटिशन को देखते हुए, बेहतर करियर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छात्रों के लिए माध्यमिक कक्षाओं के दौरान या उससे पहले से ही इंटर्नशिप की नींव रखना अब समय की मांग है। इससे न केवल उन्हें अपने लक्ष्य की पहचान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उनमें स्किल्स भी तेजी से विकसित होंगी।

अब बेहतर एजुकेशन देने का दायित्व महज़ टीचर्स पर ही नहीं है, कॉर्पाेरेट्स की बढ़ती जिम्मेदारियाँ और प्रयास भी इस क्षेत्र में तब्दील होते दिखाई पड़ रहे हैं। ष्प्रैक्टिकल नॉलेज, एम्प्लॉयमेंट रुपी मंजिल को आसान राह प्रदान करता है।ष् उक्त मूल मन्त्र के साथ कॉर्पाेरेट कंपनियों का इन युवाओं की प्रगति में मदद को आगे आना बेहद जरुरी है। बड़ी संख्या में एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स ने भी इस बात को स्वीकारा है कि इंटर्नशिप छात्रों के करियर और पेशेवर तैयारी के लिए उत्कृष्ट स्त्रोत है। यह स्त्रोत कक्षा की अवधारणाओं और प्रैक्टिकल नॉलेज के बीच की दूरी को कम करने के लिए काफी है।

 

छात्रों को अपने करियर में बेहतर गुंजाइश और प्रैक्टिकल नॉलेज की नींव रखने में योगदान ने पीआर 24Û7 का नाम उन प्रमुख कंपनियों की सूची में शामिल किया है, जिन्होंने इस क्षेत्र में इंटर्नशिप प्रोग्राम्स के आगाज़ के प्रति आवाज़ उठाई है। इसकी नींव रखकर क्राँतिकारी बदलाव और सकारात्मक परिणामों के आसार देखने के लिए अन्य कंपनियों को भी आगे आना चाहिए।

 

इन दिनों एम्प्लॉयर्स की तलाश भी प्रैक्टिकल नॉलेज रखने वाले कैंडिडेट्स की ओर दस्तक देती दिखाई पड़ रही है।  विश्वविद्यालय में सीखी गई स्किल्स हर बार वर्कप्लेस की शत-प्रतिशत पूरक हों, जरुरी नहीं है। स्टूडेंट लाइफ से प्रोफेशनल लाइफ की तरफ करवट लेने के दौरान जीवन के आवश्यक चरणों को एक साथ बदल पाना कई बार कठिन हो सकता है। उक्त स्थिति में उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए कॉर्पाेरेट कंपनियों का योगदान अहम् है।

छात्र कल का युवा होने के साथ ही देश का भविष्य हैं। उन्हें सही समय पर उचित शिक्षा और कार्य अनुभव प्रदान करना देश के सुनहरे भविष्य की सीढ़ी है।
इंटर्नशिप के दौरान छात्रों ने जो सीखा है, उससे वर्कप्लेस में सफलता प्राप्ति की संभावना अधिक होती है। इस प्रकार माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों को इंटर्नशिप के लिए बढ़ावा देने से उन्हें पेशेवर तैयारी में मजबूती मिलेगी। इससे वे अपनी रुचियों को लेकर सही समय पर सही जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, और साथ ही वर्कप्लेस के व्यावहारिक गुणों से सराबोर हो सकेंगे। माध्यमिक कक्षाओं के दौरान इंटर्नशिप प्रोग्राम पेश करने के उद्देश्य से, भारत की प्रसिद्ध पीआर फर्म, पीआर 24Û7 आगे आई है, जो अप्रैल 2022 से इसकी शुरुआत करेगी।

 

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