कोई घोटाला नहीं , बस , मंत्रीपद चाहिए…

भोपाल। कभी किसी को किसी बात में घोटाला नजर आता है और नर्मदा घोटाला यात्रा करने की घोषणा करने वाले अचानक शांत कैसे हो जाते हैं ? मध्यप्रदेश में यह कमाल हुआ हैं । कम्प्यूटर बाबा मंत्री हो गये , सारा घोटाले खत्म हो गये । पांच पांच मंत्री बन गये । यह तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का जादू है । हाथ की सफाई है । नर्मदा बचाओ यात्रा के बाद इन बाबाओं ने नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने की घोषणा की थी । लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें मंत्रीपद दे दिए और घोटाले खत्म होने की घोषणा भी हो गयी । बाबा लोग कह रहे हैं कि यदि राज्यमंत्री पद होगा तो अच्छी सेवा कर सकेंगे । बताइए प्राचीन समय के बाबा क्या राजाओं के मंत्री बन कर ही सेवा करते थे क्या ? वे राजधर्म निभाते थे । राजा को धर्म बताते थे न कि राजा से धर्म पूछते थे । ये नये युग के बाबा हैं । नये युग के बाबाओं की लीला है न्यारी ।
क्या यही राजनीति है ? मध्यप्रदेश में तीन तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले शिवराज सिंह चौहान इतने कमजोर क्यों हो रहे हैं ? आखिर विकास किया है आपने ? आखिर नर्मदा यात्रा के बाद बाबा क्यों याद आए ? क्या बस इतना ही विकास किया है ? इतना ही भरोसा है अपने काम का ?
विवशता में पांच संत मनाने निकल पडे ? यह राजनीति का कैसा चेहरा है ?

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