हरित स्वरूप के लिए महिंद्रा-टीईआरआई के बढ़ते कदम 

नई दिल्ली। महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स लिमिटेड (एमएलडीएल) और एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) ने भारत में ऊर्जा कुशल अचल संपत्ति उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पहले उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की शुरूआत की। भारत में आज पांच प्रतिशत से भी कम उर्जा कुशल निर्माण सामग्री उपलब्ध है; यह उत्कृष्टता केन्द्र भारत में हरित भवनों को बढावा देने के लिए अत्याधुनिक शोध तकनीक, उपकरण और काम काज का आकलन कर सकने के उपाय तैयार करने की दिशा में काम करेगा। यह संयुक्त शोध पहल, भारत के अचल संपत्ति क्षेत्र में ओपेन सोर्स और विज्ञान आधारित समाधान विकसित करेगा।
उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन करते हुए महिन्द्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिन्द्रा ने कहा कि ‘भारत के पास यह मौका है कि वह चीजों को अभिनव तरीके से करने वाली विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला बन सके -और चाहे यह शहरीकरण के भविष्य की बात हो या गतिशीलता की या फिर जलवायु परिवर्तन की। महिन्द्रा और टेरी का यह उत्कृष्टता केन्द्र व्यावसायिकता से आगे बढ़ कर स्थिरता पर ध्यान केन्द्रित करता है – वृहद शहरी साझेदारी वाला एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में, जो भारत के शहरों एवं कस्बों को ‘हरित स्वरूप’ में परिवर्तित करने की क्षमता प्रदान करेगा।
टेरी के महानिदेशक अजय माथुर ने भारत की जलवायु के अनुरूप कम लागत वाली, हरित लेकिन ऐसी सस्ती प्रौद्योगिकी और सामग्री तैयार करने की जरूरत पर बल दिया, जो आराम भी ज्यादा दे और जिसमें ऊर्जा की खपत भी कम हो। उन्होंने कहा कि महिन्द्रा और टेरी के उत्कृष्टता केन्द्र द्वारा दी गर्इ् सूचना और जानकारी से डेवलपर संसाधन कुशल डिजाइन बनाते समय सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय कर सकेंगे। डा माथुर ने कहा कि उत्कृष्टता केन्द्र द्वारा किये गये शोध, डेवलपरों को अधिक से अधिक हरित भवनों का निर्माण करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे। वहीं, महिन्द्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक अनिता अर्जुनदास ने कहा कि भारत में संवहनीय शहरी विकास के अगुवा के तौर पर, हमारा विश्वास है कि स्थायी और विस्तृत नवोन्मेष के लिये एक सहयोगपूर्ण रवैया अपनाये जाने की जरूरत है जिसमें विभिन्न साझेदार पक्ष शामिल हों। महिन्द्रा टेरी उत्कृष्टता केन्द्र अभिनव और संवहनीय समाधान विकसित करने को लेकर निश्चित रूप से भारत के निर्माण उद्योग पर अपना सकारात्मक प्रभाव डालेगा, और इस तरह एक मजबूत हरित पारिस्थितिकी तंत्र की आपूर्ति श्रृंखला का विकास होगा।
उत्कृष्टता केंद्र का उदेश्य बाजार में उपयोग के लिए तैयार, मापनीय और ऊर्जा कुशल सामग्री और तकनीक के लिये एक मजबूत और सुसंगत डाटाबेस विकसित करना है। यह ‘हरित’ विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य के मंत्रालयों के लिये नीति तैयार करने की दिशा में भी काम करेगा जो भारत के अचल संपत्ति उद्योग में बदलाव ला सकती है और इस प्रकार देश में कार्बन उत्सर्जन की समस्या से निपटने में भी मदद मिल सकती है। अचल संपत्ति और भवन निर्माण सामग्री उद्योगों को डाटाबेस, दिशा निर्देश और मापदंड उपलब्ध कराने से पूर्व शोध के निष्कर्षों को व्यवहारिक तौर पर परखा जायेगा। यह प्रयास किया जायेगा कि शोध के निष्कर्षों या उत्पादों और सिफारिशों का डेवलपर, वास्तुकार और व्यक्तिगत भवन निमातर््ाा बड़े पैमाने पर उपयोग करें। शोध के निष्कर्ष सार्वजनिक डोमेन पर उपलब्ध रहेंगे।

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