करतारपुर कोरिडोर की देखरेख करना कोई मुश्किल काम नहीं है : बीएसएफ

नई दिल्ली। बीएसएफ ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित करतारपुर कोरिडोर की देखरेख करना उसके लिए ‘‘मुश्किल बात नहीं’’ है क्योंकि वह वर्षों से पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर ऐसा ही काम कर रहा है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) प्रमुख रजनीकांत मिश्रा से संवाददाताओं ने पूछा था कि क्या बल के सामने जनता के लिए इस सीमा को खोले जाने पर खालिस्तानी आतंकवाद के फिर से सिर उठाने समेत अन्य सुरक्षा ‘‘चिंताए’’ हैं?

इस पर डीजी ने शनिवार को बल के 54वें स्थापना दिवस से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम वर्षों से पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर बड़े पैमाने पर यह काम कर रहे हैं। इसकी (करतारपुर कोरिडोर) की रक्षा करना कोई मुश्किल काम नहीं है।’’ बीएसएफ अटारी-वाघा सीमा पर सशस्त्र सुरक्षा कवच उपलब्ध कराती है और वह इसमें लोगों को प्रवेश देने और बाहर निकलने की अनुमति देने के लिए उत्तरदायी है।

बाद में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा रक्षा बल कोरिडोर की गतिविधियों से निपटने के लिए एक नई बटालियन (करीब 1,000 जवान) तैनात करने पर विचार कर रही है और उसे कुछ आधुनिक निगरानी और रक्षा उपकरणों की भी आवश्यकता पड़ेगी। अधिकारी ने कहा यह अटारी-वाघा सीमा की तरह होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सीमा के दोनों ओर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वहां बल की एक मजबूत टीम को तैनात किया है।’’ उन्होंने कहा कि करतारपुर कोरिडोर के लिए भी ऐसा ही किया जाएगा। उन्होंने कहा, ’’हम गृह मंत्रालय से श्रमशक्ति और अन्य चीजों की मंजूरी मांगेंगे।’’

पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक में करतारपुर कोरिडोर की नींव सोमवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रखी थी। पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को एक भव्य समारोह में इस कोरिडोर की नींव रखीं जिसमें केंद्रीय मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और हरदीप पुरी शामिल हुए। रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर मिश्रा ने कहा कि यह अब कोई ‘‘बड़ा मुद्दा’’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले एक साल में सीमा पर 54 रोहिंग्याओं को पकड़ा जो भारत की ओर आ रहे थे और साथ ही 176 लोगों को भी पकड़ा जो देश से जा रहे थे।’’

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