नई दिल्ली। शौकीनों के बीच इंडिया कॉफी हाउस की अपनी अलग पहचान है, लेकिन देश के अलग-अलग शहरों में जिस कॉफी हाउस की आठ दशक से धाक है, उसे मल्टीनेशनल कॉफी चेन्स ने हाशिए पर पहुंचा दिया है। अब भारत सरकार का कॉफी बोर्ड इसे पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप यानि पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में सौपने की तैयारी कर रहा है, लेकिन शर्त ये है कि प्रति कप कॉफी की कीमत 30 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
स्टारबक्स और कॉफी कैफे डे जैसा माहौल, लेकिन कॉफी की कीमत उनसे बहुत कम। सरकारी कॉफी चेन इंडिया कॉफी हाउस अब इसी योजना पर काम कर रहा है। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के जरिए इंडिया कॉफी हाउस का मेकओवर होने जा रहा है। अभी दिल्ली, मुंबई, भोपाल, हैदराबाद जैसे शहरों में कुल 15 इंडिया कॉफी हाउस चल रहे हैं। पीपीपी मॉडल के तहत इनके लिए स्टारबक्स, कैफे कॉफी डे और फूड चेन अफूजो जैसी कंपनियों ने बोली लगाई है।
बोली जीतने वाली कंपनी को तीन साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इंडिया कॉफी हाउस के रेगुलर कस्टमर्स इस बदलाव अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कॉफी के अलावा यहां बिकने वाले दूसरे फूड प्रोडक्ट की कीमत भी कॉफी बोर्ड ही तय करेगा। रेसीपी के भी बोर्ड की होगी। बोर्ड ने पॉपुलर इ कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर स्पेशल स्टोर खोलने के लिए भी करार किया है।