नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की दक्षिण भारत में सबसे बड़ी सहयोगी तेलगू देशम पार्टी उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह उसे किसी हाल में खोना नहीं चाहती है. अपने इस रुठे सहयोगी को मनाने के लिए आज भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं तेदेपा अध्यक्ष व आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और यह समझने का प्रयास किया कि उनकी नाराजगी की क्या वजह है और क्या मांगें हैं. दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की वार्ता के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआइ ने खबर दी है कि तेलगू देशम पार्टी के दोनों केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू एवं सुजाना चौधरी आज शाम प्रधानमंत्री से मिलेंगे. इन दोनों नेताओं ने आज सुबह कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था, हालांकि अबतक प्रधानमंत्री द्वारा इसके स्वीकार किये जाने की सूचना नहीं आयी है. ऐसे में यह संभावना बनी हुई है कि प्रधानमंत्री दोनों मंत्रियों से बात कर उनकी नाखुशी दूर करने की कोशिश करें और उन्हें सरकार व गंठबंधन में बनाये रखने में कामयाब हो जायें.
बुधवार रात चंद्रबाबू ने अपने दो मंत्रियों के नरेंद्र मोदी सरकार से अलग होने का एलान करते हुए कहा था कि उन्होंने कई बार पीएम से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उन्होंने आज भी यह बात दोहरायी. चंद्रबाबू नायडू ने आज विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए भी राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग उठाया और वित्तमंत्री अरुण जेटली के रवैये के प्रति इस पूरे मामले में नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि आप पूर्वोत्तर के राज्यों का हाथ थामे रहते हैं और आंध्र के साथ भेदभाव करते हैं. ध्यान रहे कि कल जेटली ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकता है, उसके बराबर आर्थिक मदद जरूर दे सकता है.
तेदेपा की नाराजगी केंद्र सरकार से वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा एक फरवरी को आम बजट पेश किये जाने के बआद सतह पर आयी थी. बजट में नायडू ने केंद्र पर आंध्र के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था और उसके बाद से ही लगातार यह खबरें व बयान आ रहे थे कि वे भाजपा से नाता तोड़ेंगे. हालांकि बुधवार रात चंद्रबाबू नायडू ने बड़ी चतुराई से केंद्र पर दबाव बनाने के लिए अपने मंत्रियों के इस्तीफे का एलान कर दिया, लेकिन एनडीए में बने रहने की बात कही. तेदेपा के लोकसभा में 16 व राज्यसभा में चार सदस्य हैं. पिछले दिनों भी जब तेदेपा ने भाजपा से नाता तोड़ने का एलान किया था तो गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनसे बात की थी.