डरे हुए हैं भाजपा के पांच सांसद !

नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा के सात सांसद हैं, लेकिन दो को छोड़ दें तो बाकी पांच को अपना टिकट कटने का डर सता रहा है. दिल्ली से भाजपा के सांसद उदित राज तो आजकल खुलकर अपनी पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं. दिल्ली में भाजपा के एक नेता से जब पत्रकारों ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने जवाब दिया ‘लगता है उदित राजजी को पता चल ही गया कि उन्हें अगली बार टिकट नहीं मिलने वाला. पिछली बार भी उदित राज का नाम आखिर आखिर में भाजपा की लिस्ट में जोड़ा गया. दरअसल 2014 में भाजपा को भी यकीन नहीं था कि वो सात में से सात सीटें जीत लेगी. दिल्ली की आरक्षित सीट पर भाजपा के पास मजबूत दलित उम्मीदवार नहीं था. जब भाजपा के बड़े बड़े नेता ने हाथ खड़ा कर दिया तो उदित राज को लड़ाया गया और मोदी लहर में भाजपा ने ये सीट जीत ली.’ अब उदित राज को दोबारा मौका नहीं मिलेगा यह करीब करीब तय है.
अभी दिल्ली प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं. सुनी-सुनाई है कि पार्टी हाईकमान मनोज तिवारी के काम से खुश है और उनका टिकट पक्का है. पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को भी दोबारा चुनाव लड़ाया जाएगा. इन दोनों नेताओं को यह साफ कह दिया गया है. बाकी पांच सीटों पर सस्पेंस बरकरार है. इसकी वजह है कि पार्टी किसी भी हालत में अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में लोकसभा चुनाव नहीं जीतने देना चाहती.
हाल में संघ के कुछ पदाधिकारियों ने पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट दी था कि एक दो सांसदों को छोड़ दें तो पांच सांसद किसी भी सूरत में चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए अभी से उन सीटों पर नए उम्मीदवारों की तलाश शुरू होनी चाहिए. भाजपा सांसदों को डर सता रहा है कि कहीं उनका टिकट न कट जाए, इसलिए हर सांसद अपने करीबी बड़े नेता के घर ज्यादा हाजिरी लगा रहा है. दिल्ली की खबर रखने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं, ‘दिल्ली ही इकलौता प्रदेश होगा जिसके हर सांसद का ‘गॉडफादर’ भाजपा का एक बड़ा नेता है. उस बड़े नेता के जन्मदिन पर पोस्टर छपवाने से लेकर रैली में भीड़ इकट्ठा करने तक उस बड़े नेता के लिए ये काम सांसद महोदय करते हैं, इसलिए अभी से टिकट देने की पैरवी शुरू हो गई है.’ जानकारों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व दिल्ली में ऐसा चक्रव्यूह रचना चाहता है जिससे अरविंद केजरीवाल दिल्ली में उलझे रहें. इस चक्रव्यूह रचना के लिए अगर कुछ सांसद के टिकट भी कटे तो पार्टी नहीं हिचकेगी.

 

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