तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। शुक्रवार को पार्टी के संस्थापकों में शामिल और ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करना उनके लिए गर्व की बात है। उधर, वरिष्ठ भाजपा रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, रॉय का अनुभव हमें (भाजपा) को फायदे पहुंचाएगा ।
अनंत अमित
दिग्गज नेता मुकुल रॉय को अपनी पार्टी में एंट्री कराकर बीजेपी ने आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टीएमसी को करारी टक्कर देने के लिए जमीन बनानी शुरू कर दी है। हालांकि बीजेपी नेता यह भी मानते हैं कि रॉय का कोई बड़ा वोट बैंक नहीं है, लेकिन उनकी अहमियत इस मायने में है, कि वह टीएमसी नेटवर्क के आर्किटेक्ट रहे हैं। ऐसे में जब भी बीजेपी को टीएमसी के खिलाफ रणनीति बनानी होगी, उसमें मुकुल रॉय एक बड़ी भूमिका अदा करेंगे। यही नहीं, उनकी मदद से आने वाले वक्त में टीएमसी का नेटवर्क भी बीजेपी तोड़ पाएगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में श्री राय के पार्टी में शामिल होने की विधिवत् घोषणा की। इस अवसर पर पार्टी महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे। इससे पहले श्री राय ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की।मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें काफी दिनों से चर्चा में थी। पिछले माह ही राज्यसभा में, 11 अक्टूबर को सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर मुकुल रॉय ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था। इस मौके पर मुकुल राय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि भाजपा के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी। उन्होंने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आयेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि श्री राय ने बिना शर्त भाजपा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी और पार्टी पूरी विनम्रता और उत्साह के साथ उनका स्वागत करती है। उन्होंने विश्वास जताया कि श्री राय के पार्टी में आने से भाजपा का पश्चिम बंगाल में विस्तार होगा और पार्टी संगठन को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा। इस मौके पर श्री राय ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और अगली बार पश्चिम बंगाल में विजय होगी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अपने गठन के बाद भाजपा के सहयोग से ही स्थापित हो पायी थी और उसके सहयोग के बिना आगे नहीं बढ़ सकती थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में केंद्र की भाजपा नीत सरकार में तृणमूल कांग्रेस शामिल थी।
बीते कुछ समय से भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसकी राह में एक बड़ी चुनौती थी किसी दमदार स्थानीय चेहरे का न होना। माना जा रहा है कि मुकुल रॉय के साथ आते ही उसकी एक बड़ी मुश्किल हल हो गई है। दूसरी ओर, रॉय जैसे संगठनकर्ता के पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी के लिए नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।पर्दे के पीछे रहकर पार्टी को मजबूत करने के लिए माने जाने वाले 63 वर्षीय मुकुल रॉय ने बीते सितंबर में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले टीएमसी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आधार पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। मुकुल रॉय 1990 के दशक में उस वक्त ममता बनर्जी के साथ आए थे, जब वे युवा कांग्रेस के सदस्य थे। इसके बाद 1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था। वामपंथी पार्टियों के गढ़ में टीएमसी को खड़ा करने में मुकुल रॉय का बड़ा योगदान रहा है। पार्टी से अलग होने से पहले नई दिल्ली में टीएमसी का चेहरा रहे मुकुल रॉय पश्चिम बंगाल से बाहर पार्टी विस्तार का काम संभाल रहे थे। पार्टी में महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभालने वाले रॉय यूपीए सरकार-2 में रेल मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
बीते सितंबर में राज्य सभा से इस्तीफा देने के बाद मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा था। उनका कहना था कि टीएमसी केवल एक व्यक्ति की पार्टी है। बताया जाता है कि वे 2015 से ममता बनर्जी द्वारा उनके भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी का पार्टी में कद बढ़ाने से नाराज चल रहे थे। ममता बनर्जी ने उस साल दिसंबर में मुकुल रॉय को पार्टी महासचिव के पद से हटा दिया गया था। हालांकि, 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गईv विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करने के एक साल बाद ममता बनर्जी ने सितंबर, 2017 में पार्टी उपाध्यक्ष का ही पद खत्म कर दिया। इसके जवाब में मुकुल रॉय ने राज्य सरकार द्वारा दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा सुविधा को वापस कर दिया था।