पुरुषों के बिना भी हज पर जा सकेंगी मुस्लिम महिलाएं : मोदी

नयी दिल्ली : एक बार में तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वाले विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अब हज यात्रा को लेकर मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े हो गये हैं. मोदी ने हज यात्रा को लेकर मुस्लिम महिलाओं के हक में आवाज उठाई. पुरुष अभिभावक के बिना महिलाओं के हज यात्रा पर रोक को भेदभाव और अन्याय बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, उनकी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है. साल के अपने अंतिम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा, मुस्लिम महिलाएं अब पुरुषों के बिना भी हज यात्रा पर जा सकती हैं.
मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, हाल में ही मुझे पता चला था कि यदि कोई मुस्लिम महिला हज यात्रा पर जाना चाहती है तो वह किसी मर्द सदस्य के बिना नहीं जा सकती. मैं इस पर हैरान था कि यह कैसा भेदभाव है. लेकिन अब वे अकेली हज यात्रा पर जा सकती हैं. हमने यह नियम बदला और इस साल 1300 मुस्लिम महिलाओं ने बिना किसी पुरुष सदस्य के हज यात्रा पर जाने के लिए आवेदन किया.
तीन तलाक पर आज अपनी पहली टिप्पणी में कहा, कई वर्ष तक पीड़ा झेलने के बाद, मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को आखिरकार खुद को इस प्रथा से आजाद कराने का रास्ता मिल गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में लोग राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास की दिशा में काम करें क्योंकि उनकी सरकार कालाधन, भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति एवं आतंकवाद से निपटने के लिये सुधार उपायों को जारी रखने वाली है.
सबका साथ, सबका विकास का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि नये साल का मंत्र सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन होना चाहिए. पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक का उल्लेख किये बिना मोदी ने कहा, एक बार में तीन तलाक की इस प्रचलित प्रथा के कारण मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने कई वर्ष तक तकलीफें झेलीं.
लेकिन अब उन्हें इस प्रथा से खुद को आजाद कराने का एक तरीका मिल गया है. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये केरल के वर्कला स्थित शिवगिरी मठ में आयोजित 85वें शिवगिरी तीर्थयात्रा समारोह के उद्घाटन भाषण में ये बातें कहीं. शिवगिरी महान संतों एवं समाज सुधारकों में से एक श्री नारायण गुरु का पवित्र स्थान हैं.

 

 

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