पंख से कुछ नहीं होता हौसलों में उड़ान होनी चाहिए

नई दिल्ली/गुरुग्राम | मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है… | जी हां, ऐसा मंजर देखने को मिला दिल्ली में कनाट प्लेस क्षेत्र के राजा बाजार जैन मंदिर में जहां ‘संतोष सागर सेवा संस्थान’ नामक एक एनजीओं ने बस्ती के गरीब बच्चों के लिए 8 अप्रैल 2018 को ‘वन राइड फॉर द चिल्ड्रन’ नामक कार्यक्रम का आयोजन हुआ | जिसमें 150 बाइकर्स एनजीओं के बच्चों के लिये इस समारोह में अपनी सहभागिता दिया| सुबह साढ़े छ बजे से बाइक राइड शुरू हुआ | तत्पश्चात् ‘संतोष सागर सेवा संस्थान’ के बच्चें नुक्कड़-नाटक, नृत्य,इत्यादि मनोरंजित गतिविधियाँ भी किया | संतोष सागर सेवा संस्थान को ललित कुमार यादव ने पिछले साल 2017 में शुरू किया था ताकि समाज में उन बच्चों को सशक्त बनायें जिनकी तरफ़ हम अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते है |
इस गैर लाभकारी संस्थान का उद्देश्य झुक्की-झोपड़ी में रहने वाले ग़रीब बच्चों को शिक्षित एवं बुनियादी ज़रुरती चीज़ें प्रदान करके उन्हें एक सक्ष्म इंसान बनना हैं | इसी के साथ इसमें महिलाओं इत्यादि से जुड़े और भी अहम मुद्दों को बेहतरीन करने का प्रयास करते आ रहे है | यह ऐसी पहली संस्थान है जिसमें कुछ विधार्थियों मिलकर ख़र्चा उठाते है | हर सप्ताह इस एनजीओं के संस्थापक ललित कुमार यादव, दास्ताँ-ऐ-जिंदगी की लेखिका एवं पीआर प्रोफेशनल्स की अंकिता सोनी, सुनीता मुरली, अर्चना, सन्दीप मौरिस, कपिल बग्गा, अभय कुमार, अंशु,आदि भी बच्चों को पढ़ाने बस्ती में जाते है | इसी संदर्भ में हम उन्हें पौष्टिक आहार, स्टेशनरी के सामान, तथा अन्य आवश्यक चीजें भी प्रदान करते हैं।
‘संतोष सागर सेवा संस्थान’ के संस्थापक ललित कुमार यादव अभी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय में पीएचडी कर रहे है | साथ ही इनके साथ और भी प्रतिष्टित व्यक्ति भी इस संगठन में अहम् भूमिका निभा रहे है जैसे लेखिका अंकिता सोनी मूल रूप से दिल्ली निवासी है परंतु गुरुग्राम के पीआर प्रोफेशनल्स में कार्यरत है तथा सामाजिक कार्य में इस एनजीओं में मीडिया एवं बच्चों को शिक्षित करने की भी महत्तवपूर्ण रोल निभा रही हैं | इस अवसर पर संस्थापक ललित कुमार यादव ने कहा कि “ मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है आज इतने बड़े पैमाने पर इस प्रकार का महोत्सव आयोजन करके क्योंकि प्रत्येक बच्चे को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर मिलना चाहिए। झुग्गियों में रहने वाले हमारे इन बच्चों को ऐसे अवसर नहीं मिल पाते हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़े हुए नहीं हैं। इसलिए हम यह कार्यक्रम इतने बड़े स्तर पर कर रहे हैं ताकि इन बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके तथा ये भी अपनी जिंदगी में कुछ हासिल कर सकें |”
इसी मौके पर मौजूद दास्ताँ-ऐ-जिंदगी एवं एनजीओं की सलाहकार लेखिका अंकिता सोनी ने भी विचार व्यक्त किया कि “ इस कार्यक्रम के ज़रिये बच्चे एवं महिलाओं के सशक्तिकरण में एक बहुत बड़ा बदलाव लायेगा | साथ ही इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मकसद बस्ती के बच्चों के लिए कुछ करना था ताकि वह भी हम सब की तरह शिक्षा में उच्च स्तर को पाएं | इससे इनकी जीवन शैली तक में एक सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। हमारी यही इच्छा है कि हमारे बच्चे अपनी जिंदगी में तरक्की करें, उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिलते रहे और आगे भी बढे। इसके लिए हम यह कार्यक्रम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे |”

 

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