निरंकारी सन्त समागम पहली बार दिल्ली से बाहर, होगा समालखा में

नई दिल्ली। निरंकारी सन्त समागम पहली बार दिल्ली के बुराड़ी मैदान की बजाय हरियाणा के समालखा में होगा। तीन दिवसीय 71वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम 24 नवम्बर से ’सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल’ जी.टी. रोड, समालखा में शुरू होगा। इस वर्ष निरंकारी संत समागम मिशन की पूर्व सद्गुरु माता सविंदर हरदेव के जीवन व उनकी शिक्षाओं को समर्पित होगा। यह जानकारी निरंकारी मिशन के सूचना विभाग के प्रभारी इंचार्ज कृपा सागर ने गुरुवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने समागम स्थल पर तैयारियों का उद्घाटन 14 अक्टूबर को किया था। उसी समय से 4 हजार से भी अधिक सन्त निरंकारी सेवादल के सदस्य तथा अन्य श्रद्धालु भक्त प्रत्येक दिन सेवा कर रहे हैं। इनमें दिल्ली और हरियाणा के अलावा देश के अन्य भागों से आकर भी भक्त सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहली बार यह समागम सन्त निरंकारी मिशन की अपनी भूमि ’सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल’ जी.टी. रोड, समालखा में आयोजित किया जा रहा है जोकि 600 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि सत्संग पंडाल के पीछे पहली बार एक ही स्थान पर चार प्रदर्शनियां लगाई जा रही हैं। इनमें से मुख्य ’निरंकारी प्रदर्शनी’ का एक बहुत बड़ा भाग सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज के जीवन एवं शिक्षाओं के प्रति समर्पित रहेगा। इसके अतिरिक्त यह प्रदर्शनी मिशन के इतिहास के साथ-साथ समागम, सद्गुरु की भारत तथा दूर देशों की कल्याण यात्राओं तथा समाज कल्याण की गतिविधियों को दर्शाएगी।

समागम में आने वालों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने 5 दिसम्बर तक सभी मेल व एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को नजदीकी स्टेशन भोडवाल माजरी पर दो मिनट का स्थायी ठहराव दिया है। इसके अलावा पानीपत रेलवे स्टेशन से भी श्रद्धालुओं को समागम स्थल तक पहुंचाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था रहेगी। दूर देशों से आने वाले प्रतिनिधियों को दिल्ली हवाई अड्डे से निरंकारी कालोनी तक बसों द्वारा लाया जाएगा, जहां उन सबके लिये ठहरने का प्रबंध किया गया है। समागम के दौरान उन्हें समालखा समागम स्थल पर ले जाने के लिए व सायं वापसी के लिए समागम कमेटी की ओर से बसें लगाई जाएगी।

24 नवम्बर को समागम का शुभारंभ दोपहर एक बजे सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के समागम स्थल पर आगमन के साथ होगा। वहां वह आशीर्वाद देंगी। शाम को सत्संग कार्यक्रम 8 बजे सद्गुरु माता के आशीर्वचनों के साथ सम्पन्न होगा। दूसरे दिन का मुख्य कार्यक्रम सेवादल रैली होगी। इसमें सेवादल के देश व दूर देशों से आये हजारों पुरुष तथा महिलायें भाग लेंगी। शाम को सद्गुरु सुदीक्षा महाराज के प्रवचनों के साथ सम्पन्न होगा। अंतिम दिन समागम में एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन होगा। इसमें करीब 30 कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।

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