नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई बड़ा नेता नहीं जाएगा। निमंत्रण को सभी ने अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। भाजपा और आरएसएस केवल अपने चुनावी लाभ के लिए देश की आस्था से खिलवाड़ कर रही है, इसलिए कांग्रेस के केंद्रीय नेता अयोध्या नहीं जाएंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को दिया गया था। हालांकि, कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि यह भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम है। इसलिए हम इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं।
Here is the statement of Shri @Jairam_Ramesh, General Secretary (Communications), Indian National Congress. pic.twitter.com/ZRbhie9W5m
— INC Sandesh (@INCSandesh) January 10, 2024
कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं। धर्म एक निजी मामला है। लेकिन आरएसएस/बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्रीमती सोनिया गांधी और श्री अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है।
इसके साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मंदिर के नाम पर राजनीतिकरण हो रहा है। कांग्रेस ने कहा कि ससम्मान पूर्वक न्योता अस्वीकार कर रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि चुनावी लाभ के लिए इस तरीके का समारोह कराया जा रहा है। अधूरे मंदिर का उद्घाटन हो रहा है।